रशिया विरोधी ‘ऑईल बैन’ स्लोवाकिया और हंगरी ने ठुकराया

ब्रुसेल्स/मास्को – यूरोपिय महासंघ ने प्रस्तावित किया रशिया विरोधी ‘ऑईल बैन’ का प्रस्ताव स्लोवाकिया और हंगरी ने ठुकराया है। स्लोवाकिया ने रशिया के कच्चे तेल के लिए विकल्प देने के लिए कम से कम तीन सालों की माँग की। हंगरी ने, ‘ऑईल बैन’ के प्रस्ताव में हमारे लिए ईंधन सुरक्षा का मुद्दा ना होने का बयान करके इस प्रस्ताव को ठुकराया है। इससे महासंघ का प्रस्ताव मुश्‍किलों से घेरने की संभावना बनी है।

यूरोपिय महासंघ रशिया से हररोज़ ३५ लाख बैरल्स से भी अधिक ईंधन और पेट्रोलियम उत्पादनों की आयात करता है। इसमें यूरोपियन ट्रक्स के लिए इस्तेमाल हो रहें डिज़ल का भी समावेश है। इस आयात के लिए महासंघ रशिया को हर दिन ४५ करोड़ युरो का भुगतान करता है। रशिया के यूक्रैन में शुरू अभियान में इस निधि का इस्तेमाल होने के आरोप यूक्रैन समेत अमरीका, ब्रिटेन और कुछ यूरोपिय देश भी लगा रहे हैं।

इस वजह से अब यूरोपिय महासंघ ने, रशिया से आयात हो रहें कच्चे तेल पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव सामने लाया है। लेकिन, इसे भी विरोध हो रहा है और हंगरी, स्लोवाकिया इसमें सबसे आगे हैं। साल २०२० के आँकड़ों के अनुसार स्लोवाकिया रशिया से हररोज़ करीबन १.११ लाख बैरल्स कच्चे तेल की आयात करता हैं। और हंगरी ७६,७०० बैरल्स ईंधन आयात करता है। इन दोनों देशों को रशिया ‘ड्रुझ्बा पाइपलाइन’ से कच्चे तेल प्रदान करता है।

रशिया से आयात हो रहें ईंधन के लिए विकल्प देने के लिए कम से कम तीन साल आवश्‍यक होने का बयान स्लोवाकिया ने किया है। महासंघ ने प्रदान किए समय में रशियन ईंधन के लिए विकल्प तलाशना मुमकिन ना होने के कारण, इस पाबंदी से हमें अलग रखा जाए, यह माँग स्लोवाकिया ने बड़ी तीव्रता से की। स्लोवाकिया यह यूक्रैन का समर्थक होने की स्थिति में भी उसने यह माँग करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। महासंघ के प्रस्ताव में हंगरी की ईंधन सुरक्षा का मुद्दा ना होने से हंगरी भी रशिया के ‘ऑईल बैन’ का समर्थन नहीं करेगा, ऐसा कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.