ईंधन के कीमतों में उछाल आर्थिक मंदी का कारण बनेगा – अमरिकी विश्‍लेषकों का इशारा

crude-oil-hike-economy-2वॉशिंग्टन/मास्को/लंदन – रशिया-यूक्रैन युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतें बडे पैमाने पर उछल रही हैं| यही उछाल आर्थिक मंदी का कारण बनेगा, यह इशारा अमरिकी विश्‍लेषक पॉल सैन्की ने दिया| गुरूवार को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल १२० डॉलर्स के करीब पहुँची| रशिया-यूक्रैन संकट का हल निकलने तक यह कीमत १५० डॉलर्स तक बढ सकती है, यह अनुमान भी सैन्की ने जताया| कच्चे तेल के अलावा गेहूँ, मक्का, सोयाबीन तेल की कीमतें दशक के रेकॉर्ड स्तर पर जा पहुँची है| इसके अलावा एल्युमिनियम, निकेल जैसे धातुओं की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं|

crude-oil-hike-economy-3रशिया-यूक्रैन का युद्ध शुरू हुए सात दिन बीत चुके हैं| इस युद्ध की तीव्रता अधिक बढ़ती जा रही है और इसके गंभीर परिणाम अंतरराष्ट्रीय बाज़ार पर हो रहे हैं| गुरुवार को कच्चे तेल की कीमत शुरू के सत्र में ही पांच प्रतिशत से अधिक बढी और १२० डॉलर्स तक जा पहुँची| लंदन के कारोबार में यही कीमत प्रति बैरल ११९.८४ डॉलर्स दर्ज़ हुई| इसके बाद दोपहर तक कुछ गिरावट के साथ कच्चे तेल की कीमत ११६.५९ डॉलर्स हुई|

अमरीका में ‘डब्ल्यूटीआई क्रूड’ की कीमत ३.२६ प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ ११४.२१ डॉलर्स हुई थी| कच्चे तेल के कीमत में हुई बढ़ोतरी पिछले १० सालों का रिकार्ड स्तर है| इससे पहले वर्ष २०१३ में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल ११८ डॉलर्स हुई थी| कीमत की बढ़ोतरी होती रहेगी, ऐसा इशारा विश्‍लेषक दे रहे हैं|

crude-oil-hike-economy-1अमरिकी विश्‍लेषक पॉल सैन्की ने इशारा दिया है कि, रशिया-यूक्रैन युद्ध का हल निकलने तक कच्चे तेल की कीमत बढ़कर १५० डॉलर्स तक पहुंच सकती है| तेल के कीमत में बढ़ोतरी से इसकी मॉंग घटने के आसार हैं और इससे आर्थिक मंदी शुरू होने की संभावना का इशारा भी उन्होंने दिया| रशिया के ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने से कच्चे तेल की कीमत भारी उछालकर प्रति बैरल २०० डॉलर्स तक पहुंचेगी, यह अनुमान ‘पॉवर द फ्युचर’ नामक कंपनी के संचालक डैनियल टर्नर ने व्यक्त किया है|

कच्चे तेल के अलावा अमरीका और यूक्रेन का प्रमुख उत्पादन गेहूँ की कीमत में भी रिकार्ड बढ़ोतरी हुई है| बुधवार के कारोबार में गेहूँ की कीमत सात प्रतिशत से अधिक बढ़ी| फिलहाल गेहूँ की कीमत प्रति बुशेल (२५.४ किलो) के लिए १०.५९ डॉलर्स हुई है| गेहूँ के अलावा मक्के और सोयाबीन तेलों की कीमतें भी दशक के रेकॉर्ड स्तर पर पहुँची है| अनाज के अलावा एल्युमिनियम, निकेल जैसे धातुओं की कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है और दोनों धातुओं की कीमतें ११ वर्ष के रेकॉर्ड स्तर पर पहुँने की बात कही जा रही है|  

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