ईंधन उत्पादन में कटौती कर रहे सौदी के लिए तैयार मिसाइल्स यूक्रेन भेजें – अमरिकी सिनेटर्स की माँग

वॉशिंग्टन – अमरीका को नजरअंदाज करके कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का निर्णय लेनेवाले सौदी अरब पर कार्रवाई करने की माँग अमरीका में जोर पकड़ रही है। सौदी को प्रदान हो रहे मिसाइल्स, पैट्रियॉट हवाई सुरक्षा यंत्रणा यूक्रेन को प्रदान की जाए। सौदी एवं खाड़ी की सेना तैनाती पर भी अमरीका फिर से विचार करें, ऐसा प्रस्ताव अमरिकी सिनेट की ‘फॉरेन रिलेशन्स कमिटी’ के सदस्यों ने ही दिया। लेकिन, बायडेन प्रशासन यदि ऐसा निर्णय लेता है तो इससे सौदी का नहीं बल्कि अमरीका का ही बड़ा नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी अमरीका के कुछ सिनेटर्स और विश्लेषक दे रहे हैं।

ईंधन उत्पादनअमरिकी सिनेट की ‘फॉरेन रिलेशन्स कमिटी’ के वरिष्ठ सदस्य क्रिस मर्फी और सिनेटर रो खन्ना ने ओपेक प्लस के निर्णय के लिए ज़िम्मेदार सौदी को सबक सिखाने की माँग की। मर्फी और खन्ना नामक दोनों सिनेटर्स सौदी विरोधी भूमिका के लिए हमेशा प्रसिद्धी में रहे हैं। इन दोनों ने अमरीका से सौदी को दी जा रही सैन्य सहायता रशियाविरोधी संघर्ष के लिए सीधे यूक्रेन या यूरोप के नाटो सदस्य देशों को प्रदान करने का सुझाव दिया है।

सौदी के लिए मंजूर 280 ‘एडव्हान्स्ड मिडियम रेंज एअर-टू-एअर मिसाइल्स सिस्टिम’ यानी ‘नैसैम्स’ यंत्रणा यूक्रेन की सुरक्षा के लिए रवाना करने की माँग मर्फी ने रखी। इसी बीच हौथी विद्रोही और ईरान के मिसाइल हमलों को रोकने के लिए सौदी को प्रदान होनेवाली पैट्रियॉट हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी यूक्रेन को प्रदान करें, ऐसा मर्फी ने कहा हैं। पैट्रियॉट की वजह से रशिया के यूक्रेन पर हो रहें मिसाइल हमलें रोकना मुमकिन होगा, ऐसा दावा मर्फी ने किया।

खन्ना ने भी पैट्रियॉट यंत्रणा यूक्रेन को प्रदान करने की माँग की है। मर्फी और खन्ना ने इससे पहले भी मानव अधिकारों का मुद्दा उठाकर सौदी की सैन्य सहायता रोकने का प्रस्ताव सिनेट में पेश करके पारित करवाया था। सौदी में मौजूद अमरिकी सेना को हटाने की माँग का भी मर्फी और खन्ना ने समर्थन किया था। साथ ही राष्ट्राध्यक्ष बायडेन सौदी का दौरा ना करें और क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात ना करें, ऐसा इन दोनों सिनेटर्स ने सुचित किया था।

पिछले हफ्ते रशिया के समावेश की ‘ओपेक प्लस’ संगठन ने कच्चे तेल का उत्पादन प्रतिदिन 20 लाख बैरल्स कम करने का निर्णय घोषित किया था। नवंबर महीने से यह कटौती शुरू होगी। ओपेक पल्स के इस निर्णय की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन की कीमतें प्रति बैरल 110 डॉलर्स तक पहुँचेगी, ऐसी चिंता अमरीका की शीर्ष वित्तसंस्था और अखबारों ने जतायी थी। ऐसें में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने भी ईंधन उत्पादन में कटौती का निर्णय करने पर सौदी को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहने की धमकी दी थी।

इसी बीच, बायडेन प्रशासन ने सौदी के खिलाफ निर्णय लिया तो इससे अमरीका को ही नुकसान पहुँचेगा। सौदी समेत खाड़ी क्षेत्र में अमरिकी अड्डे, ठिकाने ईरान के मिसाइल्स और ड्रोन के दायरे में रहेंगे, ऐसी चेतावनी अमरिकी अध्ययन मंडल के विश्लेषक दे रहे हैं।

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