अरब देशों के साथ गोपनीय सहकार्य फलदायक – इस्रैली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू

जेरुसलेम: ‘इस्राइल का अरब देशों के साथ गोपनीय सहकार्य फलदायक साबित हो रहा है। आने वाले समय में अरब देशों के साथ इस्राइल के यह संबंध अधिक परिपक्व हो जाएंगे, ऐसा मुझे भरोसा है। इसी से ही अंतरराष्ट्रीय परिधि का अधिक विस्तार करना हमें संभव होगा’, इन शब्दों में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने इस्राइल और अरब देशों के बिच दृढ होने वाली सहकारिता की खुलकर कबूली दी है। इस्राइल के संस्थापक डेविड बेन गुरियन की मृत्यु को ४४ वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने यह वक्तव्य किया है।

पिछले कुछ महीनों में नियमित रुप से इस्राइल और अरब देशों के बिच सहकार्य बढने की खबरें आ रहीं थी। इस्राइल के ऊर्जा मंत्री युवल स्तेनिटझ साथ ही इस्त्राइल के रक्षा प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल गादि आयझनकोट ने अरब देशों के साथ छिपे सहकार्य पर वक्तव्य किए थे। इस्राइल के एक भूतपूर्व लष्करी अधिकारी ने सऊदी अरेबिया के दो ज्येष्ठ राजपुत्रों के साथ मुलाकात करने का दावा किया था। कुछ दिनों पहले पैरिस में हुई एक परिषद में सऊदी के भूतपूर्व मंत्रियों ने आतंकवाद से पीड़ित देशों में इस्राइल का भी उल्लेख करके ध्यान आकर्षित कर लिया था।

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इस पृष्ठभूमि पर इस्राइल के प्रधानमंत्री ने अरब देशों के साथ सहकारिता को कबूल करना महत्त्वपूर्ण बात है। इस्राइल ने पिछले साल भर में अरब देशों के साथ सहकारिता बढाने पर जोर दिया है और इसके पीछे खाड़ी में ईरान का बढ़ता प्रभाव प्रमुख कारण है, ऐसा माना जाता है। सऊदी अरेबिया के पास खाड़ी के अरब देशों का नेतृत्व है और ईरान की गतिविधियों की वजह से सऊदी में अस्वस्थता है। इस वजह से इस मुद्दे पर इस्राइल और सऊदी एक होने के संकेत मिल रहे हैं।

पिछले कुछ महीनों में इस्राइल और सऊदी अरेबिया के वरिष्ठ अधिकारीयों के बिच गुप्त मुलाकातें शुरू थी, ऐसे दावे भी नियमित रुप से सामने आए हैं। इस्त्राइल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने इस बात को कबूल करके आने वाले समय में सहकार्य अधिक परिपक्व होगा, ऐसा आश्वासन भी दिया है। ‘इस्राइल और अरब देशों के बिच अंत में शांति निश्चित रूप से प्रस्थापित होगी, क्योंकि जितनी दिखती हैं उससे भी ज्यादा चीजें नजरों के पीछे हो रही हैं’, ऐसे सूचक उद्गार प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने निकाले हैं।

इन दिनों खाड़ी के इजिप्त और जोर्डन इन दो देशों के साथ इस्राइल के अधिकृत स्तरपर राजनीतिक संबंध हैं। लेकिन अन्य अरब देशों ने इस्राइल फिलिस्तीन के भूभाग से पीछे हटने के बाद ही उस देश के साथ राजनीतिक संबंध रखने की घोषणा की थी। इस पृष्ठभूमि पर इस्त्राइल के प्रधानमंत्री ने अरब देशों के साथ छिपे सहकार्य की खुली चर्चा करके खाड़ी के समीकरण बदले हैं, यह दिखा दिया है।

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