जब तक सीरिया में ईरान का संकट है तब तक अमरिका सीरिया नहीं छोड़ने वाला – अमरिका के सुरक्षा सलाहकार

वॉशिंग्टन: ‘अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने बहुत पहले ही सीरिया के बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट की है। सीरिया में ‘आईएस’ का अस्तित्व होने तक और सीरिया के साथ साथ खाड़ी देशों में ईरान की कार्रवाइयां शुरू रहने तक अमरिका का लष्कर सीरिया से पीछे नहीं हटने वाला है’, ऐसी घोषणा अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने की है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू के साथ फोन पर हुई चर्चा में भी ट्रम्प ने इस बारे में इस्राइल को आश्वस्त किया है, ऐसी जानकारी बोल्टन ने दी है।

ट्रम्प और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के बीच हेल्सिंकी में होने वाली बैठक से पहले मीडिया के साथ बोलते समय बोल्टन ने सीरिया के बारे में अमरिका की भूमिका स्पष्ट की है। सीरिया में ईरान की सेना की तैनाती का मुद्दा ट्रम्प, पुतिन के साथ की बैठक में उपस्थित करने वाले हैं, ऐसा बोल्टन ने कहा है। सीरिया में आईएस के आतंकवादी बाकी होने तक अमरिका सीरिया के संघर्ष से पीछे हटने वाला नहीं है, ऐसा ट्रम्प ने इससे पहले ही स्पष्ट किया था, इसकी बोल्टन ने याद दिलाई है।

ईरान का संकट, सीरिया नहीं छोड़ने, सुरक्षा सलाहकार, जॉन बोल्टन, आईएस, अमरिका, इस्राइललेकिन उसी समय सीरिया में ईरान की बढती लष्करी गतिविधियाँ भी यहाँ पर अमरिका की सैन्य तैनाती का प्रमुख कारण है, ऐसा बोल्टन ने स्पष्ट किया है। खाड़ी देशों को ईरान का खतरा कायम है। इस वजह से ईरान सीरिया से पूरी तरह से पीछे नहीं हटता, तब तक अमरिका सीरिया से पीछे नहीं हटने वाला ऐसा बोल्टन ने कहा है। रशिया ने भी सीरिया में ईरान की सेना की तैनाती पर चर्चा होने वाली है, ऐसा घोषित किया था।

सीरिया में ईरान के लष्कर की तैनाती यह सीरिया और खाड़ी के अन्य देशों की सुरक्षा के लिए खतरनाक है, ऐसा अमरिका दावा कर रहा है। सीरिया में ईरान के सैनिकों की वजह से इस्राइल की सुरक्षा सर्वाधिक खतरे में आने वाली है, इस लिए रशिया ईरान को सेना पीछे हटाने की सूचना करे, ऐसी माँग ट्रम्प ने पुतिन से करने का दावा अमरिकी मीडिया कर रहा है। पुतिन के साथ बैठक से पहले ट्रम्प ने नेत्यान्याहू के साथ इस बारे में चर्चा की थी। पिछले हफ्ते में नेत्यान्याहू ने रशिया के दौरे में पुतिन से मुलाकात करके ईरान के लष्कर की तैनाती को हटाने का प्रस्ताव दिया था।

सीरिया की अस्साद राजवट को इस्राइल का विरोध नहीं है, ऐसा नेत्यान्याहू ने अपने प्रस्ताव में कहा था। लेकिन अगर ईरान की सेना सीरिया में तैनात होगी तो इस्राइल सीरिया पर हमले करेगा, ऐसी नेत्यान्याहू ने चेतावनी दी थी। कट्टर ईरान विरोधक के तौर पर पहचाने जाने वाले अमरिकी सुरक्षा सलाहकार बोल्टन ने इस महीने की शुरुआत में ही सीरिया की अस्साद राजवट के बारे में अमरिका की भूमिका में बदलाव होने की घोषणा की है। सीरिया से ईरान की सेना का पीछे हटना यह अपनी प्रमुख माँग है, ऐसा बोल्टन ने कहा था।

दौरान, रशिया ने सीरिया के ईरान और ईरान संलग्न गुटों को पीछे हटने की सूचना दी है, लेकिन ईरान ने सीरिया से पीछे हटने के लिए इन्कार किया है। अस्साद राजवट के अलावा अन्य कोई भी ईरान को सीरिया से सेना पीछे हटाने के बारे में सूचना नहीं दे सकता, ऐसा कहा था।

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