अमरिका के ‘ब्लॅकमेलिंग’ के सामने पॅलेस्टाईन झुकेगा नहीं – पॅलेस्टिनी विदेश मंत्री की घोषणा

रामल्ला/वॉशिंगटन: ‘इस्राइल के साथ शांति चर्चा शुरू करने के लिए अमरिका ने दिया हुआ प्रस्ताव चौंकाने वाला है और अमरिका के ब्लॅकमेलिंग के सामने पॅलेस्टाईन झुकेगा नहीं’, ऐसी घोषणा पॅलेस्टाईन के विदेश मंत्री रियाद मलिकी ने की है। साथ ही अमरिका में स्थित पॅलेस्टाईन का उच्चायुक्तालय बंद किया, तो अमरिका के साथ संबंध तोड़ देंगे, ऐसा इशारा भी पॅलेस्टिनी नेता ने दिया है। पिछले हफ्ते सऊदी अरेबिया ने भी पॅलेस्टिनी राष्ट्राध्यक्ष अब्बास को सम्मन लगाकर अमरिका दे रहे शांति प्रस्ताव का स्वीकार करें, यह सूचना की गई थी।

पिछले कुछ महीनों से पॅलेस्टिनी नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के पास इस्राइल के खिलाफ शिकायत करना शुरू किया था। पॅलेस्टिनी नेताओं की इस भूमिका पर टीका करते हुए अमरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कुछ दिनों पहले वेस्ट बैंक के पॅलेस्टाईन के राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास को डांटा था। पॅलेस्टाईन की यह इस्राइल विरोधी भूमिका अमरिका के साथ हुए अनुबंध का उल्लंघन करने वाली है, ऐसा कहा था। साथ ही पॅलेस्टाईन ने इस्राइल के साथ शांति चर्चा करने से इन्कार किया, तो अमरिका के साथ हुए अनुबंध के अनुसार अमरिका में स्थित पॅलेस्टाईन का उच्चायुक्तालय बंद किया जाएगा, ऐसा इशारा भी दिया गया था।

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अमरिकी विदेश मंत्री के इस इशारे पर पॅलेस्टिनी विदेश मंत्री रियाद मलिकी ने टीका की है। ‘पॅलेस्टाईन का नेतृत्व ब्लॅकमेलिंग अथवा धमकी के सामने नहीं झुकेगा’, ऐसा मलिकी ने घोषित किया। पॅलेस्टाईन ने अपनी भूमिका स्पष्ट की है, अब इसके आगे अमरिका को फैसला करना है, ऐसा भी मलिकी ने कहा है। पॅलेस्टाईन के वरिष्ठ नेता साएब एरेकत ने अमरिका और इस्राइल पर निशाना साधा है। ‘अमरिका की यह भूमिका शांति प्रस्थापित करने में रुकावट डाल सकती है। साथ ही अमरिका इस्राइल के दबाव के आगे झुक गई है’, ऐसा आरोप भी एरेकत ने किया है।

इस्रैली प्रधानमंत्री के कार्यालय ने पॅलेस्टिनी नेताओं के आरोपों को ख़ारिज किया है। ‘पॅलेस्टाईन के मामले में निर्णय यह अमरिका की नीति का हिस्सा है। इस वजह से इस्राइल इन नियमों का आदर करता है और खाड़ी में शांति और स्थिरता प्रस्थापित करने के बारे में अमरिका की कोशिशों का स्वागत करते हैं’, ऐसा इस्राइल ने कहा है।

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तीन साल पहले अमरिका और पॅलेस्टिनी प्रशासन के बिच ‘कंसोलिडेटेड अप्रोपिएशन्स एक्ट’ यह अनुबंध हुआ था। इस अनुबंध के अनुसार फिलिस्तीनी प्रशासन इस्राइल नागरिकों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में अपील नहीं कर सकता। क्योंकि इस्राइल और पॅलेस्टाईन के बिच शांति चर्चा की प्रक्रिया अभी भी शुरू है। अभी तक पॅलेस्टाईन को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा नहीं मिला है। इस वजह से पॅलेस्टिनी नेता इस्रैली नागरिकों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कर सकते। इस अनुबंध के बाद भी पॅलेस्टाईन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के पास इस्राइल के खिलाफ शिकायत दर्ज की, तो यह अपने साथ किए अनुबंध का उल्लंघन साबित हो सकता है’, ऐसा अमरिका ने स्पष्ट किया था।

दो दिनों पहले इस्राइल के साथ शांति चर्चा के लिए पॅलेस्टाईन को आमंत्रित करते हुए टिलरसन ने इस अनुबंध की याद दिलाई थी। साथ ही इस्राइल के साथ शांति चर्चा शुरू करना पॅलेस्टाईन के भले के लिए है, ऐसा अमरिका ने कहा था। हफ्ते भर पहले सऊदी अरेबिया ने भी फिलिस्तीनी राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास को शांति चर्चा शुरू करने का आवाहन किया था। अमरिका ने तैयार किए शांति चर्चा के प्रस्ताव का स्वीकार करें अथवा इस्तीफा दें, इन शब्दों में सऊदी ने अब्बास को इशारा दिया था। उसके बाद पॅलेस्टाईन की ओर से पहली बार यह आक्रामक प्रतिक्रिया आई है।

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