सीरिया में हमला कर रहे इस्रायली विमानों पर रशियन ‘एस-३००’ का हमला – इस्रायली समाचार चैनल का दावा

जेरूसलम – इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने पिछले हफ्ते सीरिया में हवाई हमले किए थे। इस्रायल के इन विमानों को रोकने के लिए सीरिया ने हवाई सुरक्षा यंत्रणा शुरू की थी। इस्रायली समाचार चैनल ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार सीरिया में तैनात रशिया की ‘एस-३००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा ने इस्रायली विमानों पर हमला किया। इससे रशिया की इस्रायल संबंधित भूमिका में बड़ा बदलाव होने की बात इस्रायली समाचार चैनल ने दर्ज़ की है। रशिया विरोधि युद्ध में यूक्रैन की सहायता करने के लिए इस्रायल ने पहल करने पर रशिया की नीति में यह बदलाव आया है।

russia-attacks-israel-planes-1पिछले शुक्रवार को इस्रायली लड़ाकू विमानों ने सीरिया के वायव्य ओर के मसयाफ शहर के करीब जोरदार हमले किए थे। इस मुद्दे पर सीरियन एवं खाड़ी के माध्यमों ने अलग-अलग जानकारी सार्वजनिक की थी। लेकिन, इस हमले के दौरान ईरान से जुड़े गुट का काफी बड़ा नुकसान होने का दावा इस्रायली माध्यमों ने किया था। साथ ही इस्रायली विमानों को भगाने के लिए सीरियन सेना ने ‘पैंटसिर’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा शुरू करने की जानकारी सामने आयी थी।

लेकिन, इस्रायली समाचार चैनल ‘चैनल १३’ ने सूत्रों के दाखिले से साझा की हुई जानकारी के अनुसार सीरिया में तैनात रशियन ‘एस-३००’ विमान विरोधि मिसाइल यंत्रणा ने इस्रायली विमानों पर हमला किया। इस दौरान ‘चैनल १२’ ने इस मुद्दे पर अलग दावा किया है। रशियन ‘एस-३००’ यंत्रणा के दायरे में इस्रायली लड़ाकू विमान नहीं पहुँचे। इस वजह से यह यंत्रणा इस्रायली विमानों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुँचा सकी, यह दावा इस्रायली समाचार चैनल ने किया।

russia-attacks-israel-planes-2रशियन सेना के अलावा इस यंत्रणा को कोई भी इस्तेमाल नहीं कर सकता। साथ ही रशिया के नेतृत्व की अनुमति प्राप्त किए बिना इस्रायली विमानों पर कार्रवाई नहीं हो सकती, इस मुद्दे पर इस्रायली समाचार चैनल ध्यान आकर्षित कर रही हैं। इस वजह से सीरिया में हुई यह कार्रवाई रशिया-इस्रायल ताल्लुकात में बड़ा बदलाव के संकेत हैं ऐसा इस्रायली समाचार चैनल का कहना है। इस्रायल या रशिया ने इसकी पुष्टिकी है। लेकिन, ऐसा हुआ तो यह रशिया का इस्रायल पर पहला हमला माना जाएगा और इसी कारण यह इस्रायल के लिए सबसे बड़ी चिंता बढ़ानेवाली गतिविधि हो सकती है, ऐसा इस्रायली अखबार कह रहे हैं।

इस्रायल और रशिया में पिछले कुछ दिनों से तनाव बना है। रशिया-यूक्रैन युद्ध में तटस्थ भूमिका अपना रहे इस्रायल ने रशिया की आलोचना करने लगा है। साथ ही इस्रायल ने रशिया का विरोध अनदेखा करके यूक्रैन को सैन्य सहायता शुरू की, ऐसी खबरें भी प्रसिद्ध हुई थीं। इसके बाद यूक्रैन की सरकार नाज़ीवाद का पुरस्कार करनेवाली है और उसके साथ इस्रायल का सहयोग यानी इतिहास को पीठ दिखाने जैसा है, ऐसी तीखी आलोचना रशिया ने की थी। इस मुद्दे पर रशिया के विदेशमंत्री के बयान पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने अफसोस व्यक्त किया। फिर भी इस वजह से इस्रायल और रशिया के संबंधों में तनाव होने की बात सामने आयी थी।

अगले दिनों में रशिया ने हमास के वरिष्ठ नेताओं से फोन पर बातचीत की और हमास के प्रतिनिधियों ने रशिया का दौरा करने की खबरें भी सामने आयी थीं। यह तनाव यहीं पर खत्म नहीं होता। इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ अमरीका की यात्रा पर रवाना हुए हैं और इस दौरे में वे यूक्रैन युद्ध के मुद्दे पर अपने देश की भूमिका स्पष्ट कर सकते हैं। इससे पहले रशिया ने सीरिया में इस्रायली विमानों पर ‘एस-३००’ से हमला करके चेतावनी देने की बात दिख रही है।

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