ईरान ने ताजिकिस्तान में शुरू किया ड्रोन्स का कारखाना

तेहरान – ईरान ने पिछले कुछ दिनों से मध्य एशियाई देशों के साथ संबंध बढ़ाने के लिए तेज़ कदम बढ़ाएँ हैं। ईरान ने कुछ ही घंटे पहले पूर्व सोवियत रशिया का हिस्सा रहे ताजिकिस्तान में ड्रोन निर्माण का कारखाना शुरू किया। इस वजह से ईरान की तकनीक के जंगी ड्रोन्स जल्द ही ताजिकिस्तान में तैयार होंगे, यह जानकारी ईरान की सरकारी वृत्तसंस्था ने साझा की। अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को चेतावनी देने के लिए ईरान ने ताजिकिस्तान में यह कारखाना शुरू किया, ऐसा दावा हो रहा है। लेकिन, ईरान के ड्रोन्स का निर्माण अन्य देशों में होना, ईरान के परमाणु समझौते पर बातचीत कर रहे देशों के लिए चुनौति साबित हो सकता है।

iran-tajikistan-drone-factory-1ईरान के रक्षामंत्री मेजर जनरल मोहम्मद बाकेरी ने सोमवार को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में ताजिकिस्तान के रक्षामंत्री कर्नल जनरल शेराली मिर्ज़ो से मुलाकात की। इस दौरान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और सीमा सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के रक्षामंत्रियों में चर्चा हुई। इसके बाद रक्षामंत्री मेजर जनरल बाकेरी की मौजूदगी में ड्रोन्स के कारखाने का उद्घाटन हुआ, यह जानकारी ईरानी वृत्तसंस्था ने प्रदान की। इसके अनुसार ईरान ने पहली बार देश के बाहर अपने ड्रोन निर्माण का कारखाना शुरू किया है। ताजिकिस्तान के इस कारखाने में ‘अबाबिल-२’ नामक जंगी ड्रोन्स का निर्माण होगा।

लगभग २०० किलोमीटर दूरी तक गश्त लगाने के साथ ही शत्रु के ठिकानों पर हमले करने के लिए यह ड्रोन उपयुक्त होगा। यह ड्रोन कम से कम डेढ़ घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता रखता है, ऐसा ईरानी माध्यमों का कहना है। कुछ दिन पहले ईरान ने पड़ोसी आर्मेनिया और अज़रबैजान देशों के साथ नए से सहयोग स्थापित किया था। इसके बाद ताजिकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग स्थापित करके ईरान सेंट्रल एशिया में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा दावा है। लेकिन, ताजिकिस्तान में जंगी ड्रोन तैयार करने का कारखाना शुरू करके ईरान अधिकृत स्तर पर अपने ड्रोन्स का निर्यात कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ और अमरीका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अनुसार ईरान के साथ कोई भी देश या संगठन सैन्य सहयोग ना करे, ऐसे निर्देश हैं। इस वजह से रशिया ने ईरान को ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा प्रदान करने से संबंधित समझौता भी रोक रखा था। फिर भी ताजिकिस्तान में ड्रोन निर्माण का कारखाना शुरू करके ईरान ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को चुनौती दी हुई दिख रही है। इस पर इस्रायल का बयान आने की उम्मीद है।

कुछ महीने पहले ईरान के केरमान शहा हवाई अड्डे पर हुए हमले में सैंकड़ों ड्रोन्स नष्ट हुए थे। अपने ड्रोन अड्डे पर हुए इस हमले के लिए ईरान ने इस्रायल को ज़िम्मेदार बताया था। इस्रायल की सरकार और रक्षाबल इस पर जवाबी बयान करने से दूर रहे थे। लेकिन, ईरान के ड्रोन्स खाड़ी की सुरक्षा के लिए खतरा होने का सूचक इशारा इस्रायल लगातार दे रहा है। ईरान के यह ड्रोन्स इराक, सीरिया के साथ ही लेबनान में मौजूद ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों तक पहुँचे हैं, ऐसी चिंता इस्रायली सेना ने व्यक्त की थी। साथ ही इराक में मौजूद ईरानी ड्रोन्स मार गिराने की क्षमता हम रखते हैं, यह दावा इस्रायल ने किया था।

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