ईरान की आपत्तियों को अनदेखा करके सौदी-कुवैत दुर्रा ईंधन क्षेत्र पर काम शुरू करेंगे

मनामा – पर्शियन खाड़ी के विवादित ईंधन क्षेत्र को लेकर सौदी अरब और कुवैत का ईरान के साथ तनाव बना है। ईरान के विरोध को अनदेखा करके सौदी और कुवैत ने दुर्रा ईंधन क्षेत्र में काम शुरू करने की बात स्पष्ट की। सौदी के ऊर्जामंत्री प्रिन्स अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान ने यह ऐलान किया। दुर्रा ईंधन क्षेत्र से प्रति दिन एक अरब क्युबिक फीट ईंधन वायु और ८४ हज़ार बैरल्स कच्चे तेल का खनन हो सकता है। इससे वर्णित ईंधन क्षेत्र को लेकर पर्शियन खाड़ी के देशों में तनाव बढ़ने लगेगा।

saudi-kuwait-dorra-fuel-2पर्शियन खाड़ी में अराश या दुर्रा नाम से जाने जा रहा ईंधन क्षेत्र सौदी अरब, कुवैत और ईरान तीनों में बंटा हुआ है। ईरान और कुवैत के बीच निर्धारित समुद्री सीमा ना होने की वजह से इस ईंधन क्षेत्र पर दोनों देश समान अधिकार जताते हैं। साल १९६७ में पाए गए इस ईंधन क्षेत्र में लगभग २० ट्रिलियन क्युबिक फीट ईंधन वायु होने का दावा किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से जारी क्षेत्रीय तनाव की वजह से अराश ईंधन क्षेत्र के विकास की ओर अनदेखी हुई थी।

saudi-kuwait-dorra-fuel-1लेकिन, लगभग डेढ़ महीने पहले सौदी अरब और कुवैत ने इस ईंधन क्षेत्र के लिए पहल की थी। सौदी और कुवैत के ईंधन मंत्रियों ने इससे संबंधित समझौता भी किया था। इसके अनुसार इस ईंधन क्षेत्र से हर दिन एक अरब क्युबिक फीट ईंधन वायु का खनन किया जाएगा, ऐसा दावा हो रहा है। रशिया-यूक्रैन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन वायु की माँग और साथ ही उछल रही कीमतों पर गौर करें तो, सौदी और कुवैत के समझौते की अहमियत बढ़ी थी। लेकिन, सौदी-कुवैत के इस समझौते का ईरान ने तीव्र विरोध किया था।

इस ईंधन क्षेत्र पर सौदी, कुवैत की तरह हमारा भी अधिकार होने का बयान ईरान ने किया था। साथ ही इस क्षेत्र के विकास पर हमारा भी उतना ही अधिकार होने का बयान करके सौदी-कुवैत का समझौता अवैध है, ऐसी आलोचना ईरान ने की थी। ईरान के समावेश के बिना इस ईंधन क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता, ऐसी चेतावनी ईरान ने दी थी। साथ ही इस क्षेत्र में स्वतंत्र विकास और खनन करने के संकेत ईरान ने दिए थे। इस वजह से पर्शियन खाड़ी में तनाव निर्माण होने का दावा माध्यमों ने किया था।

ऐसी स्थिति में, सौदी ने दुर्रा ईंधन क्षेत्र के विकास और खनन का काम शुरू करने का बयान ड़टकर किया है। सौदी के इस निर्णय पर ईरान के तीव्र प्रतिक्रिया की उम्मीद है। 

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