‘सीटीबीटी’ से बाहर होने के रशिया की संसद ने किए निर्णय के बाद अमेरिका ने नेवाडा प्रांत में किया परमाणु परीक्षण

वॉशिंग्टन/मास्को – रशियन संसद ने बुधवार को ‘कॉम्प्रेहेन्सिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रिटी’ (सीटीबीटी) नामक अंतरराष्ट्रीय समझौते से बाहर होने का निर्णय किया था। इस निर्णय के कुछ ही घंटे बाद अमेरिका ने नेवाडा प्रांत में परमाणु परीक्षण किया हैं। अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने यह जानकारी साझा की और ‘न्यू प्रेडिक्टिव एक्सप्लोजन मॉडेल’ प्रमाणित करने वाले रसायनों के साथ रेडियो आयसोटप्स का इस्तेमाल इस दौरान इस्तेमाल होने की बात कही जा रही है।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही के दिनों में यह बयान किया था कि, हमारा देश फिर से परमाणु परिक्षण करना शुरू कर सकता हैं। ‘सीटीबीटी’ से बाहर होने के रशिया की संसद ने किए निर्णय के बाद अमेरिका ने नेवाडा प्रांत में किया परमाणु परीक्षणअपने बयान में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशियन संसद को आगे की प्रक्रिया शीघ्रता से पुरी करने के निर्देश भी दिए थे। रशिया के बेड़े में पश्चिमियों की तुलना में अधिक उन्नत परमाणु अस्त्र तैयार होने का दावा भी उन्होंने किया था। अमेरिका की जारी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर परमाणु अस्त्रों के मुद्दे पर सहयोग जारी रखने के लिए रशिया पहल नहीं करेगी, यह भी पुतिन ने कहा था।

इसके बाद ‘सीटीबीटी’ जैसे अंतरराष्ट्रीय समझौते से बाहर निकलकर फिर से परमाणु परीक्षण शुरू करने से संबंधित प्रस्ताव रशियन संसद ने मंजूर किया। रशिया ने ‘सीटीबीटी’ से बाहर निकलना अमेरिका के लिए ‘वॉर्निंग सिग्नल’ होने की चेतावनी विश्लेषकों ने दी थी। लेकिन, रशियन संसद की मंजूरी के कुछ ही घंटे बाद नया परमाणु परीक्षण करके अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय अभ्यासगुट और विश्लेषकों को झटका दिया है।‘सीटीबीटी’ से बाहर होने के रशिया की संसद ने किए निर्णय के बाद अमेरिका ने नेवाडा प्रांत में किया परमाणु परीक्षण

वर्ष १९९६ में ‘कॉम्प्रेहेन्सिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रिटी’ (सीटीबीटी) समझौते को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मंजूरी दी थी। इस समझौते के अनुसार सैन्य एवं असैन्यकी कारणों के लिए परमाणु विस्फोट करने पर मनाई की गई हैं। अमेरिका और रशिया दोनों देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और रशियन संसद ने वर्ष २००० में इस समझौते को मंजूरी प्रदान की थी। लेकिन अमेरिका की संसद में इस समझौते को अभी तक मंजूरी प्राप्त नहीं हुई है।

अपना नया परमाणु परीक्षण भूगर्भ में होने वाले परमाणु विस्फोट करने में सुधार करके वैश्विक स्तर पर परमाणु खतरा कम करने के लिए सहायक होगा, ऐसा दावा अमेरिका के अधिकारी ने किया है।

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