रशिया को डिफॉल्टर बनाने के लिए पश्चिमी देशों की कोशिशें – रशियन वित्त मंत्री का आरोप

मॉस्को/वॉशिंग्टन – रशिया विदेश से लिया कर्जा चुकता ना कर सकें और यह देश कर्ज डुबानेवाले डिफॉल्टर देश के रूप में घोषित हों, इसके लिए पश्चिमी देशों की जोरदार कोशिशें जारी हैं, ऐसा आरोप रशियन वित्त मंत्री ने किया है। लेकिन रशिया ऐसी कोशिशों का शिकार नहीं होगा, बल्कि रूबल इस करेंसी में कर्जा चुकता करेगा, ऐसा वित्त मंत्री अँतोन सिल्युनोव्ह ने डटकर कहा। फिलहाल रशियन अर्थव्यवस्था पर 40 अरब डॉलर्स का विदेशी कर्ज होकर, यह क़र्ज़ डॉलर और यूरो करेंसी में है।

‘रशिया सरकार और बैंक ऑफ रशिया के विदेशी करेंसी में होनेवाले अकाउंट फ्रीज किए गए हैं। कुछ पश्चिमी देश यह चाहते हैं कि रशिया को ज़बरदस्ती से डिफॉल्टर देश बनाया जाए, इसके लिए ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन बातों को किसी भी प्रकार का आर्थिक आधार नहीं है’, ऐसा आरोप रशिया के वित्त मंत्री अँतोन सिल्युनोव्ह ने किया। उसी समय, रशिया कर्ज चुकता नहीं करेगा, यह दावा भी उन्होंने ठुकरा दिया। रशिया अपनी रूबल करेंसी में कर्जा चुकता करने के लिए तैयार है, ऐसा रशियन वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया।

अमरीका समेत पश्चिमी देश तथा अन्य मित्र देशों ने रशिया पर ज़बरदस्त आर्थिक प्रतिबंध लगाना जारी रखा है। इन प्रतिबंधों के कारण रशिया के फॉरेन रिजर्व का हिस्सा होनेवाली 300 अरब डॉलर्स से अधिक निधि का इस्तेमाल रशिया कर नहीं सकेगा। उसी समय, अमरीका ने रशिया को होनेवाली डॉलर्स की सप्लाई भी बंद की होकर, युरोपीय महासंघ ने भी युरो में व्यवहार बंद करने के संकेत दिए हैं। इस कारण रशियन अर्थव्यवस्था में डॉलर और युरो का भंडार ना के बराबर हुआ है। इस कारण विदेशी कर्ज चुकता करने में रशिया के सामने मुश्किलें खड़ी हुईं हैं।

इससे पहले सन १९९८ में रशिया विदेशी कर्ज चुकता करने में असफल साबित हुआ था। उसके गंभीर परिणाम अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में हुए थे। लेकिन इस बार अगर रशिया ने कर्ज चुकता नहीं किया, तो उसका बड़ा झटका नहीं लगेगा, ऐसा दावा अर्थ विशेषज्ञ तथा वित्त संस्थाओं ने किया।

इसी बीच, रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण जागतिक अर्थव्यवस्था में बड़े मूलभूत बदलाव आ सकते हैं, ऐसा दावा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने अपनी नई रिपोर्ट में किया है। रशिया-युक्रेन युद्ध यह जागतिक अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका होकर उससे आर्थिक विकास पर जबरदस्त परिणाम होंगे, ऐसी चेतावनी मुद्राकोष ने दी है। महँगाई भड़कनेवाली होकर, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार तथा सप्लाई चैन बाधित होगी, ऐसा मुद्रा कोष ने कहा है।

इसी बीच, अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों को प्रत्युत्तर देते समय रशिया ने भी नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। इन प्रतिबंधों में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन समेत विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन, रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन, गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स, व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता जेन साकी तथा पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का समावेश है।

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