अमरीका के ‘एफ-२२’ विमान रोमानिया में

रशिया से युरोपीय मित्रदेशों की रक्षा, यह बताया कारण

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रोमानिया के अड्डे पर अमरीका के ‘एफ-२२’ ये अतिप्रगत लड़ाक़ू विमान दाख़िल हुए हैं । यदि ज़रूरत आ पड़ी, तो अमरीका अपनी ताकत का प्रदर्शन करके युरोपीय देशों की रक्षा करेगी, ऐसा संदेश इस तैनाती के ज़रिये अमरीका द्वारा दिया जा रहा है । उसी समय, इस विमान के वैमानिक ने यह कहा है कि वे किसी को उक़सायेंगे नहीं । लेकिन रशिया के नाटोस्थित राजदूत ने इसपर ‘हमारा देश आवश्यक वह कार्रवाई यक़ीनन ही करेगा’ ऐसी चेतावनी दी है ।

कुछ ही दिन पहले, नाटो और रशिया के बीच चर्चा संपन्न हुई । नाटो अपने प्रभावक्षेत्र में रहनेवाले देशों में लष्करी गतिविधियाँ करके रशिया को चुनौती दे रहा होने का दावा रशिया द्वारा किया गया । वहीं, नाटो ने रशिया पर प्रत्यारोप करके अपने सदस्यदेशों की सुरक्षा को लेकर चिन्ता जतायी थी । नाटो एवं रशिया के बीच चल रही चर्चा नाक़ाम होने के बाद बाल्टिक क्षेत्र के दोनों तरफ़ की लष्करी गतिविधियों ने रफ़्तार पकड़ी हुई दिखायी दे रही है । ख़ासकर गत कुछ महीनों से, रशिया ने इस क्षेत्र में अपनी सेनाओं की गतिविधियों को बढ़ाकर कड़ी तैयारी की होने का दावा अमरीका एवं नाटो द्वारा किया जा रहा है । इस संदर्भ में कुछ महत्त्वपूर्ण रिपोर्टस् प्रकाशित हुए होकर, नाटो के सदस्य रहनेवाले युरोपीय देश रशियन सेना का मुक़ाबला नहीं कर सकते, ऐसी स्पष्ट चेतावनी उनमें दी गयी थी । साथ ही, इस क्षेत्र में अमरिकी सेना की क्षमता मर्यादित होकर, रशिया को रोकना अमरीका के लिए भी संभव नहीं होगा, ऐसा दावा इन रिपोर्टों में किया गया था ।

अमरीका एवं नाटो ने रशिया की युरोप में चलनेवालीं इन गतिविधियों को लेकर गंभीर चिंता ज़ाहिर की थी । साथ ही, बाल्टिक सागर में, अमरिकी विनाशिका पर रशियन लड़ाक़ू विमानों का मँड़राना, यह दोनों देशों के बीच संघर्ष भड़कानेवाला साबित हो सकता था, ऐसा अमरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी ने कहा था । अमरिकी विनाशिका रशियन विमानों को मार गिरा भी सकती थी, ऐसा भी केरी ने कहा । लेकिन हमारे विमानों ने की हुई कार्रवाई उचित ही थी, ऐसी भूमिका रशिया ने अपनायी । इन गतिविधियों के कारण उपरोक्त क्षेत्र का तनाव चरमसीमा तक बढ़ा होते हुए ही, अब अमरीका के ‘एफ-२२’ लड़ाक़ू विमान रोमानियास्थित अड्डे पर दाख़िल हुए हैं । दुनियाभर के प्रमुख अख़बारों ने इन घटना का ज़िक्र किया है ।

इस ‘एफ-२२’ विमान के वैमानिक रहनेवाले २६ वर्षीय ‘डॅन बॅरीन’ ने इस तैनाती के बारे में कहा है कि ‘हम यहाँ पर किसी को उक़साने नहीं आये हैं, बल्कि हमारे सहयोगियों की सहायता करने आये हैं’। वहीं, नाटोस्थित रशिया के राजदूत अलेक्झांडर ग्रुश्कोव्ह ने कहा है कि नाटो और रशिया के बीच के संबंध सुधरे नहीं हैं, लेकिन इसके बारे में इस समय कुछ बोलना मुनासिब नहीं होगा ।

लेकिन रशिया ने तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी की होने का दावा दुनियाभर के अख़बार कर रहे हैं। ख़ासकर बाल्टिक सागर में अमरिकी विनाशिका पर रशियन लड़ाक़ू विमानों ने लगाये चक्कर, यह तीसरे विश्वयुद्ध के संकेत देनेवाली घटना होने के दावें पश्चिमी माध्यमों ने शुरू किये थे । उस पार्श्वभूमि पर, अमरीका ने रोमानिया में ‘एफ-२२’ विमान तैनात करके रशिया को चेतावनी देने का प्रयास किया हुआ दिखायी दे रहा है । इस तैनाती के एक दिन पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने, युरोप के प्रमुख देश रशिया से बढ़ते ख़तरे को मद्देनज़र रखते हुए अपने रक्षाखर्च में बढ़ोतरी करें, ऐसी सूचना की थी । यह संजोग न होकर, अमरीका युरोप में बढ़ रहे रशियन प्रभाव को रोकने की सुनियोजित तैयारी कर रहा है, यही इससे स्पष्ट हो रहा है ।

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