कच्चे तेल के दाम पहुँचे ५० डॉलर्स पर

सात महीनों में पहली ही बार बढ़े दाम

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अमरीका के कच्चे तेल की राशि में हुई गिरावट, कॅनड़ा में भड़का हुआ दावानल और अफ़्रीका के ईंधन उत्पादन में आयी गिरावट इस पार्श्वभूमि पर कच्चे तेल के दामों में बड़ी वृद्धि आयी होकर, दामों ने ५० डॉलर्स प्रतिबॅरल पर छलाँग लगायी है। इस वर्ष में पहली ही बार तेल के दाम ५० डॉलर्स के स्तर तक जा पहुँचे हैं। कुछ दिन पहले ही, गोल्डमन सॅक्स इस आंतर्राष्ट्रीय वित्तसंस्था ने, सन २०१६ के उत्तरार्ध में कच्चे तेल के दाम ५० डॉलर्स तक जायेंगे, ऐसा अंदाज़ा ज़ाहिर किया था।

सन २०१६ की शुरुआत में कच्चे तेल के दाम २८ डॉलर्स प्रति बॅरल, इस १३ वर्षों के निम्नतम स्तर तक गिर गये थे। ये दाम २० डॉलर्स तक भी पहुँच सकते हैं, ऐसी चेतावनी भी कुछ विश्लेषकों एवं वित्तसंस्थाओं द्वारा दी गयी थी। लेकिन पिछले महीने भर में कच्चे तेल के दामों में पुन: सकारात्मक वृद्धि होती हुई दिखायी दे रही है। गुरुवार को कच्चे तेल के दाम ५०.१२ डॉलर्स प्रति बॅरल दर्ज़ किये गये। ४ नवम्बर के बाद पहली ही बार कच्चे तेलों के दाम ५० डॉलर्स तक पहुँचे हैं। इस वर्ष में जो निम्नतम स्तर तक दाम गिरे थे, उसके बाद गत पाँच महीनों में कच्चे तेल के दामों में ८० प्रतिशत की वृद्धि दर्ज़ की गयी है।

तेल के दामों की इस वृद्धि के पीछे अमरीका एवं कॅनड़ा में हो रहीं घटनाएँ ज़िम्मेदार हैं, ऐसा कहा जा रहा है। अमरीका के ऊर्जा विभाग ने, देश में होनेवाले कच्चे तेल की राशि की आँकड़ेवारी घोषित की होकर, उसमें ४२ लाख बॅरल्स के घटोतरी हुई होने की बात स्पष्ट हुई। इसके लिए, अमरीका की ‘शेल ऑईल’ का उत्पादन करनेवाले तेल के कुओं में हुई घट तथा कॅनड़ा का दावानल ज़िम्मेदार साबित हुआ है । अमरीका को कच्चे तेल की आपूर्ति करनेवाले देशों में कॅनड़ा अग्रसर होकर, दावानल के कारण कॅनड़ा का तेल का उत्पादन बंद हो गया है ।
अफ़्रीका में कच्चे तेल का प्रमुख उत्पादक देश रहनेवाले नायजेरिया में ईंधनवाहिनियों पर विद्रोही संगठनों के हमलें हो रहे हैं । इस कारण इस देश से होनेवाली ईंधन आपूर्ति में काफ़ी गिरावट आयी है । उसी समय रशिया, भारत, चीन जैसी अर्थव्यवस्थाओं से कच्चे तेल की माँग बढ़ रही है । माँग के बढ़ने के बावजूद भी तेल के उत्पादन में कुछ ख़ास बढ़ोतरी न होने के कारण उसका असर दामों पर हुआ है ।

इस बढ़ोतरी की पार्श्वभूमि पर गोल्डमन सॅक्स जैसी वित्तसंस्था ने तथा ‘बीपी’ जैसी अग्रसर ईंधनकंपनी ने, यह बढ़ोतरी क़ायम रहेगी, ऐसा अँदाज़ा व्यक्त किया है । गोल्डमन सॅक्स ने कुछ ही दिन पहले यह अँदाज़ा व्यक्त किया था कि सन २०१६ की दूसरी तिमाही तक कच्चे तेलों के दाम ५० डॉलर्स तक जायेंगे और सन २०१७ में कच्चे तेल के दाम ६० डॉलर्स प्रतिबॅरल तक जायेंगे । वहीं, ‘बीपी’ इस ईंधनकंपनी ने, इस साल कच्चे तेलों के दाम ५० डॉलर्स और सन २०१७ में ५५ डॉलर्स प्रति बॅरल होंगे, ऐसा अपने रिपोर्ट में कहा है ।

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