रशिया ‘क्रिप्टो करन्सी’ को मंजूरी देगी – संसदिय समिती के प्रमुख एनातोली अक्साकोव

मास्को – वैश्विक स्तर पर डिजिटल करन्सी और संपत्ति का इस्तेमाल काभी बड़ी मात्रा में बढ़ रहा हैं और इस वजह से रशिया में भी क्रिप्टोकरन्सी को अधिकृत मुद्रा के तौर पर मंजूरी दी जाएगी, ऐसी जानकारी संसदीय समिती के प्रमुख एनातोली अक्साकोव ने प्रदान की। वर्ष २०२० में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने क्रिप्टोकरन्सी के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का कानून पारित किया था। साथ ही रशिया ‘डिजिटल रुबल’ पेश करने की तैयारी में होने के संकेत भी दिए थे। इस पृष्ठभूमि पर अस्काकोव का बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

एनातोली अक्साकोव रशियन संसद की ‘स्टेट ड्युमा कमिटी ऑन फाइनान्शिअल मार्केटस्‌‍’ के प्रमुख हैं। रशियन बाज़ार के मुद्रा संबंधित कारोबार पर नज़र रखने की एवं इसमें सुधार करने का ज़िम्मा इस समिती को दिया गया है। अक्साकोव ने ‘क्रिप्टोकरन्सी’ की मंजूरी को लेकर बोलते हुए विदेशी बैंकों से रशिया के साथ हो रहे कारोबार में महसूस हो रही बाधाओं का ज़िक्र किया।

‘रशियन बैंक के साथ एवं अन्य क्षेत्रों में कारोबार करते समय विदेशी बैंक हिचकिचाती हैं। इस वजह से क्रिप्टोकरन्सी के कारोबार को कानूनन मंजूरी प्रदान करने की मांग व्यापारी और उद्यमी कर रहे हैं। विदेशी व्यापार के कारोबार में क्रिप्टोकरन्सी का इस्तेमाल हो सकता हैं। इसकी अनियमितता और गड़बड़ी से दूर रहना हैं तो इसपर नियंत्रण रखना आवश्यक हैं। इससे सख्त नियमों के साथ क्रिप्टोकरन्सी का कानूनन इस्तेमाल करने को मंजूरी दी जाएगी’, ऐसा अक्साकोव ने कहा।

रशिया में हाल ही में आयोजित ‘सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनैशनल इकॉनॉमिक फोरम’ में रशिया के ऊर्जा उप मंत्री ने ‘क्रिप्टो माइनिंग’ को कानूनन मंजूरी देने की मांग की थी। फिलहाल रशिया ‘क्रिप्टो माइनिंग’ क्षेत्र में विश्व का दूसरा बड़ा देश कहा जाता है। कानूनन मंजूरी प्राप्त होने पर यह क्षेत्र अधिक फैल सकता हैं साथ ही इस पर लगाए करों से आय भी प्राप्त होगी, ऐसा ऊर्जा उप मंत्री पॉवेल स्निकार्स ने कहा था।

पिछले कुछ सालों में रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर रशिया की सरकार नई मुद्रा और पेमेंटस्‌‍ सिस्टिम का विकल्प बनाने के लिए पहल कर रही हैं। इसी के हिस्से के तौर पर रशिया ने रुबल मुद्रा का डिजिटल संस्करण पेश करने की तैयारी शुरू की है और वर्ष के अन्त तक डिजिटल रुबल का इस्तेमाल शुरू होगा, ऐसे संकेत दिए गए हैं। साथ ही दूसरी ओर ‘ब्रिक्स’ गुट के माध्यम से अमरिकी डॉलर का विकल्प पेश करने की तैयारी शुरू है और इसमें रशिया का योगदान अहम समझा जा रहा है। ‘ब्रिक्स’ की नई मुद्रा ‘डिजिटल’ होगी, यह संकेत भी दिए गए हैं।

फिलहाल विश्व में ‘अल साल्वाडोर’ और ‘सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक’ इन दो देशों ने बिटकॉईन के साथ अन्य क्रिप्टोकरन्सीज्‌‍ को स्वीकृति प्रदान की है। ऐसे में ‘ईस्टर्न कैरेबिअन युनियन’ का हिस्सा होने वाले सात देशों के साथ बहामाज्‌‍ और अफ्रीका के नाइजीरिया इन नौ देशों ने ‘डिजिटल करन्सी’ का इस्तेमाल शुरू किया हैं।

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