सोवियत मित्रदेशों की सुरक्षा के लिए रशिया अपनी सेना अफ़गानिस्तान में भेज सकती है – रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव

Lavrov-Afghanistan-Russia-01-300x186मास्को – अमरीका की वापसी के बाद अफ़गानिस्तान में आक्रामक हुई तालिबान ने ताजिकिस्तान की दो तिहाई सीमा पर कब्ज़ा किया है। तालिबान के हमलों की वजह से ताजिक सीमा पर तनाव पर रशिया ने तीव्र चिंता जताई है। ‘अपने सोवियत देशों की सुरक्षा के लिए रशिया ताजिकिस्तान में स्थित लष्करी अड्डे का इस्तेमाल करेगी। आवश्‍यकता पड़ने पर रशिया अफ़गानिस्तान में भी अपनी सेना उतारेगी’, यह इशारा रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने दिया। इसके साथ ही अफ़गानिस्तान में शुरू की गई मुहिम में असफल होने की वजह से ही अमरीका पीछे हट रही है, यह आरोप भी रशिया के विदेशमंत्री ने लगाया।

Lavrov-Afghanistan-Russia-300x169तालिबानियों ने बीते हफ्ते से अफ़गानिस्तान के उत्तरी क्षेत्र में जोरदार हमले किए हैं। तालिबान के हमलों की वजह से कम से कम डेढ़ हज़ार अफ़गान सैनिक आश्रय लेने के लिए सीमा पार करके ताजिकिस्तान, उज़बेकिस्तान पहुँचने के वीडियो सामने आए हैं। अफ़गान सैनिकों के भाग खड़े होने से उत्तरी क्षेत्र की कई सरहदी चौकियों पर तालिबान ने कब्ज़ा किया था। तालिबान की इस कार्रवाई पर रशिया ने क्रोध व्यक्त किया है।

‘हमारे मित्रदेशों की सीमा के करीब जारी खतरनाक गतिविधियों को रोकने के लिए रशिया कुछ भी कर सकती है। इसके लिए रशिया ताजिकिस्तान में स्थित अपने लष्करी अड्डे का भी इस्तेमाल कर सकती है’, यह कहकर रशियन विदेशमंत्री लैवरोव ने अफ़गानिस्तान में हवाई हमले करने के संकेत दिए। एक कार्यक्रम के दौरान, क्या रशिया फिर से अफ़गानिस्तान में अपनी सेना भेजेगी? यह सवाल किया गया। इस पर विदेशमंत्री लैवरोव ने कहा, इसका जवाब बिल्कुल स्पष्ट हैं कहकर अफ़गानिस्तान में लष्करी कार्रवाई करने के संकेत भी दिए।

Lavrov-Afghanistan-Russia-02-293x300इसके साथ ही रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान के राष्ट्रप्रमुखों से बातचीत करने की जानकारी लैवरोव ने प्रदान की। सेंट्रल एशिया स्थित अपने मित्रदेशों के लिए खतरा बना तो ‘कलेक्टिव सिक्युरिटी ट्रीटि ऑर्गनाइज़ेशन-सीएसटीओ’ यानी रशिया और सोवियत देशों की नाटो की तरह लष्करी संगठन अगली कार्रवाई करने के लिए तैयार रहेगी, ऐसा लैवरोव ने कहा।

इसी बीच, रशिया ने यह इशारा देने के कुछ घंटे बाद ही तालिबान का शिष्टमंडल शुक्रवार के दिन रशिया पहुँचा। इस दौरान तालिबान के प्रतिनिधियों ने अफ़गानिस्तान संबंधित अपनी भूमिका रखी। अफ़गानिस्तान के 85 प्रतिशत इलाके पर अब हमारा कब्ज़ा होने का दावा तालिबान ने किया। लेकिन, अफ़गानिस्तान का रशिया विरोधी कार्रवाई करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, यह वादा तालिबान ने रशिया से किया।

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