पश्‍चिमी देशों की ‘जी ७’ के विकल्प के तौर पर रशिया-चीन ‘ब्रिक्स’ को खड़ा कर रहे हैं – जर्मन अखबार की चेतावनी

बर्लिन – विश्‍व के सबसे अधिक विकसित और धनिक देशों के समावेश वाली ‘जी ७’ के सदस्य देशों की हाल ही में जर्मनी में बैठक हुई। इस बैठक में यूक्रेन युद्ध और इसके बाद की स्थिति पर चर्चा हुई। दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में प्रत्यक्ष युद्ध का सामना कर रहे यूरोपिय देशों के संकट को दूर करने में ‘जी ७’ को उतनी सफलता प्राप्त नहीं हुई है। यह बात रेखांकित करके एक जर्मन अखबार ने दावा किया है कि, पश्‍चिमी देशों की ‘जी ७’ का विकल्प चीन और रशिया के पास है।

‘जी ७’‘फ्रैंकफुर्टर अल्गेमानयने झिटुंग’ नामक अखबार ने चेतावनी दी है कि, ‘जी ७’ के विरोध में चीन और रशिया ने मोर्चा खड़ा करना शुरू किया है। इन देशों ने पहल करके स्थापित की हुई ‘ब्रिक्स’ संगठन का प्रभाव बढ़ रहा है। यह संगठन ‘जी ७’ के विकल्प के तौर पर खड़ा करने के लिए रशिया ने अपनी कोशिशों की गति दोगुनी बढ़ायी है, ऐसा इशारा इस जर्मन अखबार ने दिया। पिछले हफ्ते ब्रिक्स की बैठक हुई थी। इसके बाद रशियन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिय झाकारोवा ने ध्यान आकर्षित करनेवाला ऐलान किया। अर्जेंटिना और ईरान भी ‘ब्रिक्स’ में शामिल होने के लिए तैयार हैं, झाकारोवा के इस बयान पर वर्णित अखबार ने ध्यान आकर्षित किया।

‘जी ७’रशियन विदेश मंत्रालय का यह ऐलान नज़रअंदाज करने जैसा नहीं है, इसका अहसास इस अखबार ने कराया। वर्तमान में ‘जी ७’ नाम से जानी जा रहा अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, इटली और जापान का यह संगठन कुछ साल पहले ‘जी ८’ यानी ८ सदस्य देशों का गुट था। लेकिन, रशिया ने यूक्रेन पर हमला करके क्रिमिया के क्षेत्र पर कब्ज़ा किया और इसके बाद रशिया ‘जी ८’ से बाहर निकलने के लिए मज़बूर हुई थी। ‘इसके बाद बनी ‘जी ७’ संगठन को चुनौती देने की तैयारी रशिया ने की थी। रशिया के साथ भारत, चीन, ब्राज़िल और दक्षिण अफ्रीका के समावेश का ‘ब्रिक्स’ संगठन यानी रशिया की इसी महत्वाकांक्षा का हिस्सा है, ऐसा वर्णित अखबार ने कहा है।

फ़रवरी के अन्त में रशिया ने यूक्रेन पर हमला करने के बाद पश्‍चिमी देशों ने रशिया पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे। इसका प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया ने एशिया, अफ्रीका और लैटीन अमरिकी महाद्वीप के देशों के साथ अपना सहयोग भारी मात्रा में बढ़ाया है। ब्रिक्स का विस्तार यानी ‘जी ७’ को चुनौती देने की रशिया की योजना का हिस्सा है। रशिया के सांसद ऐलेक्सी पुश्‍कोव ने ब्रिक्स पर बोलते हुए यह संगठन ‘जी ७’ का विकल्प साबित हो सकता है, यह विश्‍वास व्यक्त किया था। इसमें पश्‍चिमी देशों का समावेश नहीं है, यह बात काफी अहमियत रखती है, इस ओर पुश्‍कोव ने ध्यान आकर्षित किया था, इसका संज्ञान जर्मनी की अखबार ने लिया है।

ईरान और अर्जेंटिना ब्रिक्स में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। इसके बाद मेक्सिको, तुर्की और सौदी अरब भी ब्रिक्स का हिस्सा बन सकते हैं, ऐसा दावा जर्मनी के अखबार ने प्रसिद्ध की हुई खबर का दाखिला देकर रशिया की वृत्तसंस्था ने किया है।

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