रशिया और यूक्रेन के एक-दूसरों पर तेज़ हमलें

मास्को/किव – शुक्रवार क दिन रशियन नौसेना के ‘ब्लैक सी फ्लीट’ पर जोरदार हमले करने के बाद यूक्रेनी सेना ने शनिवार को रशिया के क्रिमिया को लक्ष्य किया। इसी बीच रशिया ने अपनी सेना ने शनिवार सुबह के समय यूक्रेन के खेर्सन और झापोरिझिया में पश्चिमी हथियारों के भंड़ार पर हमला करने की जानकारी साझा की। इस हमलें में जमीन से जमीन पर सटीक हमला करने में काबिल लंबी दूरी के मिसाइल और ड्रोन का इस्तेमाल करने की बात रशियन रक्षा मंत्रालय ने कही है।  

हमलेंरशिया के ब्लैक सी फ्लीट पर यूक्रेन ने हमला करने के बाद यूक्रेन ने शनिवार को फिर से क्रिमिया को लक्ष्य किया और यूक्रेनी सेना ने अपनी बढ़ती ताकत का प्रदर्शन किया। अमरीका और नाटो के अन्य सदस्य देशों से प्राप्त उन्नत हथियारों का इस्तेमाल करके रशिया को यूक्रेन नरक यातना पहुंचा रहा हैं, ऐसे दावे यूक्रेन के सेना अधिकारी करने लगे हैं। लेकिन, रशिया का इसपर बड़ा तगड़ा प्रत्युत्तर मिल सकता हैं, इसका अहसास होने से यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने अमरीका और पश्चिमी देशों से अधिक हथियारों की मांग की है।  

अमरीका ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति नहीं की तो रशिया के विरोध में शुरू इस जंग में यूक्रेन हार जाएगा, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने दी हैं। रशिया पर तेज़ हमले करने से पहले ही यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने अमरीका को इसका अहसास कराया। दूसरी ओर अमरीका और नाटो से यूक्रेन को प्रदान हो रहे हथियार नष्ट करके यूक्रेनी सेना की क्षमता खत्म करने के इरादे से रशिया हमले कर रही हैं। शनिवार सुबह के समय खेर्सन और झापोरिझिया में लंबी दूरी के मिसाइलों के हमले करके रशिया ने यूक्रेन को प्राप्त हुए हथियार और रक्षा सामान नष्ट किया।

अमरीका, ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी देश यूक्रेन को कितने भी उन्नत हथियार और रक्षा सामान प्रदान करें, फिर भी इससे वर्णित युद्ध पर असर नहीं होगा। पश्चिमी देशों की यह सहायता सिर्फ यूक्रेन युद्ध लंबा चलाएगा। लेकिन, इससे यह युद्ध शुरू करने के पीछे रशिया ने रखा उद्देश्य बाधित नहीं होगा। रशिया अपना निर्धारित उद्देश्य प्राप्त किए बिना नहीं रहेगी, ऐसी चेतावनी रशिया ने पहले ही दी थी। साथ ही यूक्रेन के लिए यह सहायता मुहैया कर रहे पश्चिमी देशों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, ऐसी धमकी भी रशिया ने दी थी।  

रशिया और यूक्रेन एक-दूसरें पर भारी हमले कर रहे हैं और इस युद्ध में अब तक सहयोग कर रहे देश यूक्रेन का साथ छोड़ने लगे हैं, इस बात पर रशियन माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। अनाज़ से संबंधित समझौते को लेकर यूक्रेन और पोलैण्ड के बीच तीव्र मतभेद हुए हैं। पोलैण्ड ने आगे के दिनों में यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति ना करने का ऐलान किया था। अब पोलैण्ड ने रशिया से भारी मात्रा में खाद खरीदना शुरू किया है, इस खरीद की जानकारी रशियन वृत्तसंस्था प्रदान कर रही हैं।

पहले की तुलना में पोलैण्ड ने रशिया से करीबन तीन गुना अधिक मात्रा में खाद खरीदा हैं और रशिया अब पोलैण्ड को खाद प्रदान करने वाली जर्मनी के बाद दूसरा बड़ा देश बना होने की खबर रशियन वृत्तसंस्था ने प्रदान की है।

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