यूक्रेन यूरोप की समस्या है, अमेरिका की नहीं – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बायडेन पर उपहासात्मक टिप्पणी 

यूरोप की समस्यावाशिंगटन  – यूक्रेन में निर्मित तनाव यूरोप के लिए एक समस्या है और राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने इसमे अमेरिका को शामिल नहीं करना चाहिए, ऐसा उपहासात्मक रूप से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल किथ केलॉग ने कहा है । केलॉग ने मर्मभेदी सवाल उठया है कि राष्ट्राध्यक्ष बायडेन चीन द्वारा उत्पन्न वास्तविक खतरे का सामना करने के बजाय यूक्रेन पर समय और ऊर्जा क्यों बर्बाद कर रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रंप ने भी यूक्रेन को “यूरोपीयन प्रॉब्लेम ” कहा है और इसे हल करने के लिए युरोप को पहल करने का आह्वान किया है ,ऐसा दावा किया है ।

रशिया पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन की सीमा पर फिर से अपनी तैनाती बढ़ा रहा है। रशिया के  राष्ट्राध्यक्ष पुतिन फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण करेंगे, ऐसा दावा यूक्रेन सहित अमरिकी विश्लेषकों कर रहें है। अगर रशिया यूक्रेन पर हमला करता है तो राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन पर प्रतिबंध लगाए जा सकते है ऐसा  अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष जो बाइडेन ने चेतावनी दी थी । उसी समय , यूक्रेन की सुरक्षा के लिए यूरोप में 50,000 तक सैनिक तैनात किये जाने के संकेत भी दिये थे । लेकिन बायडेन की यूक्रेन नीति को लेकर अमेरिका से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है। पूर्व सलाहकार केलॉग और ट्रंप के बयान इसकी पुष्टि करते हैं।

यूरोप की समस्याराष्ट्राध्यक्ष बायडेन और उनके सलाहकार अफगानिस्तान के मुद्दे पर विफल रहे हैं, और अब यूक्रेन में भी वही होने के संकेत मिल रहे है। यूक्रेन के मुद्दे पर ठोस सफलता मिलने का कोई विकल्प या रास्ता नहीं है। अमेरिका के सामर्थ्य का प्रत्यक्ष उपयोग यह इसके लिये निश्चित रूप से विकल्प नहीं है। यूक्रेन मुख्य रूप से एक यूरोपीय समस्या है और उन्हें ही इसे हल करना चाहिए। लेकिन यूरोपीय देश इसमे असफल रहे हैं,  ऐसी चेतावनी एक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दी ।

यूरोप की समस्याकेलॉग ने इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि यूरोप आज भी रशिया से आयात होने वाले 35 प्रतिशत  ईंधन पर निर्भर है। युक्रेन को हथियारों की आपूर्ती करने वाले ब्रिटन को जर्मनी द्वारा अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने से इनकार करना , यह बात यूरोपीय देशों के बीच एकता की कमी का संकेत देती है ,ऐसा भी दावा उन्होने किया । केलॉग ने इस बात का भी एहसास दिलाया कि पिछले आठ वर्षों में यूक्रेन के डोन्बास की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। उसी समय, यूक्रेन रशिया के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और सुरक्षा से जुडा हुआ मुद्दा है, और राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने इसे सैन्य के माध्यम से हल करने का फैसला किया है, ऐसा दावा भी पूर्व सलाहकार केलॉग ने किया है।

केलॉग ने यह भी संकेत दिया कि यूक्रेन की समस्या में अमेरिका का हस्तक्षेप, चीन के अमेरिका पर बढ़ते हुए खतरे से अमेरिका का ध्यान हटा देने वाला हो सकता है और पुतिन के हमले का यह भी एक उदिष्ट हो सकता है। अमेरिका के पूर्व  राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने भी यूक्रेन का उल्लेख “यूरोपीय समस्या” के रूप में करने के साथ ही यह भी दावा किया है कि जर्मनी पर रशिया के नियंत्रण के कारण वह संघर्ष नहीं करेंगे ।

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