रशिया-कतर लेनदेन में होगा स्थानीय मुद्रा का इस्तेमाल – कतर में नियुक्त रशियन राजदूत का दावा

दोहा – रशिया ने यूक्रेन पर हमला करने के बाद अमरीका और पश्चिमी देशों ने रशिया की आर्थिक और राजनीतिक घेराबंदी करना शुरू किया था। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बने अमरिकी डॉलर का इस्तेमाल करना रशिया को मुमकिन न हो सके, इस इरादे से अमरीका ने प्रतिबंध भी लगाए हैं। इसके जवाब में रशिया ने लेन देन के लिए अपने रुबल और अन्य देशों के स्थानीय मुद्राओं का इस्तेमाल करने की तैयारी जुटाई। अमरीका ने प्रतिबंध लगाए देश रशिया के साथ इस पद्धती से कारोबार करने के लिए पहल कर रहे हैं। लेकिन, खाड़ी क्षेत्र में स्थित अमरीका के करीबी सहयोगी देश कतर ने भी रशिया के साथ रुबल के माध्यम से लेनदेन करने की तैयारी रखने की बात सामने आयी है।

रशिया-कतर लेनदेन में होगा स्थानीय मुद्रा का इस्तेमाल - कतर में नियुक्त रशियन राजदूत का दावाकतर में रशिया के राजदूत ने रशियन वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार के दौरान यह दावा किया। रशिया के प्रधानमंत्री मिखाईल मिशुस्तिन और कतर के विदेश मंत्री अहमद बिन अब्दुलरेहमान अल-थानी की जून महीने में चर्चा हुई थी। इस चर्चा में रशिया और कतर के लेनदेन में स्थानीय मुद्रा का इस्तेमाल करने का मुद्दा था, ऐसा रशियन राजदूत ने कहा है। इस वजह से आगे के दौर में रशिया के रुबल और कतर के रियाल के ज़रिये लेनदेन हो सकता है, ऐसा रशियन रादजूत का कहना है।

वैश्विक स्तर की अस्थिरता और अनिश्चितता होने की स्थिति में भी इश वर्ष के जनवरी से अप्रैल के दौरान रशिया और कतर के बीच सातर करोड़ डॉलर का व्यापार हुआ था, ऐसी जानकारी रशिया के प्रधानमंत्री ने कतर के विदेश मंत्री से हुई चर्चा के दौरान प्रदान की थी। रशिया-कतर लेनदेन में होगा स्थानीय मुद्रा का इस्तेमाल - कतर में नियुक्त रशियन राजदूत का दावावैश्विक स्तर पर ईंधन की मांग और आपूर्ति में अनिश्चितता होने की स्थिति में ईंधन उत्पादक रशिया और कतर का सहयोग बड़ा अहम होने का बयान रशियन प्रधानमंत्री ने उस समय किया था।

इसी बीच, कतर खाड़ी क्षेत्र में स्थित अमरीका का एक करीबी देश समझा जाता है। कुछ साल पहले सौदी और यूएई एवं अन्य खाड़ी देशों ने रखी मांग के अनुसार ईरान के साथ जारी सहयोग तोड़ने से इनकार कर रहे कतर की खाड़ी देशों ने घेराबंदी की थी। फिर भी कतर ने ईरान के सहयोग से पीछे हटने से इनकार किया था। इसकी वजह कतर को अमरीका का प्राप्त हुआ समर्थन ही है, ऐसा कहा जा रहा है। कतर एक अमरीका का काफी अहम साथी देश होने से कतर को खाड़ी देशों के दबाव की परवाह करने की ज़रूरत नहीं हैं, ऐसे दावे विश्लेषकों ने तब किए थे। बाद में सौदी, यूएई और अन्य देशों ने कतर के साथ फिर से सहयोग स्थापीत किया। लेकिन, इस वजह से कतर और अमरीका के संबंध सामने आए थे।

अमरीका का ऐसा करीबी मित्र देश रशिया के साथ लेनदेन करने के लिए स्थानीय मुद्रा का इस्तेमाल करने को तैयार होने का मुद्दा ध्यान आकर्षित करता है।

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