अमरीका के दबाव के कारण पाकिस्तान-ईरान ईंधन पाइपलाइन परियोजना से पाकिस्तान पीछे हटा

इस्लामाबाद – ईरान के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा करने के बाद दोनों देशों का सालाना व्यापार पांच अरब डॉलर तक बढ़ेगा, ऐसा विश्वास व्यक्त किया था। साथ ही ईरान-पाकिस्तान ईंधन पाइपलाईन प्रकल्प जल्द ही शुरू होगा, ऐसे संकेत भी ईरान के विदेश मंत्री ने दिए थे। इसके अनुसार ईरान से पाकिस्तान को पाइपलाईन से ईंधन की आपूर्ति करना संभव होगा। ईंधन की किल्लत और इसकी उछलती किमतों के कारण पाकिस्तान के लिए यह परियोजना बड़ा अहम होगा। लेकिन, अमरीका के दबाव के कारण पाकिस्तान ने इस परियोजना को समेट ने की तैयारी की है। 

अमरीका के दबावअमरीका ने ईरान पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं और इससे ईरान से ईंधन खरीद करना पाकिस्तान के लिए कठिन होने की कबुली पाकिस्तान के पेट्रोलियम राज्य मंत्री ने दी। पाकिस्तान के अखबारों में इसकी खबरें प्रसिद्ध हुई हैं और पाकिस्तान ने फिर से ईरान को झटका देने की चर्चा भी शुरू हुई है। ईरान-पाकिस्तान और भारत (आईपीआई) परियोजना का ऐलान काफी पहले किया गया था। लेकिन, पाकिस्तान पर भरोसा ना होने के कारण भारत इस परियोजना से पीछे हटा था। इससे वर्णित परियोजना की व्यवहार्यता खत्म हुई। फिर भी ईरान ने इस पाइपलाइन का काम पूरा करके पाकिस्तान की सीमा तक इस पाइपलाइन को पहुंचाया था।

अमरीका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बाद पाकिस्तान भी इस परियोजना से पीछे हटा। इसपर गुस्सा हुए ईरान ने पाकिस्तान के सामने हर्जाना देने की मांग रखी थी। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से ईरान फिर से पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा हैं। इसके अनुसार कुछ दिन पहले ईरान के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार और ईंधन संबंधित सहयोग बढ़ाने का आवाहन भी किया। दोनों देशों की अर्थव्यवस्था एक-दूसरे के लिए सहायक होगी, यह विश्वास भी ईरान के विदेश मंत्री ने व्यक्त किया था। पाकिस्तान एक ईंधन की बड़ी मांग रखने वाला देश हैं, वहीं ईरान ईंधन उत्पादक देश हैं। इसका अहसास ईरान के विदेश मंत्री ने कराया।

लेकिन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से एक अरब डॉलर पाने के लिए गिड़गिरा रहे पाकिस्तान की विदेश नीति स्वतंत्र नहीं हैं। इशी कारण से अमरीका के दबाव का असर पाकिस्तान की नीति एवं निर्णय पर हमेशा से होता रहा हैं। इसी कारण से पाकिस्तान के पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक ने यह कबूल किया है कि, हमारा देश ईरान से ईंधन खरीद करने में असमर्थ है।

अधिकृत स्तर पर पाकिस्तान ईरान से ईंधन की खरीद नहीं कर रहा हो, लेकिन फिर भी दोनों देशों की सीमा पर ईंधन की भारी मात्रा में तस्करी हो रही हैं और यह बात छिपी नहीं रही है। पाकिस्तान के पेट्रोल पंप पर उपलब्ध ३० प्रतिशत ईंधन की ईरान से तस्करी होती है, ऐसा दावा पाकिस्तान के पत्रकार कर रहे हैं। इस वजह से फिलहाल पाकिस्तान को ईरान के साथ अधिकृत स्तर पर ईंधन कारोबार करने की आवश्यकता ना होने की बात सामने आ रही है।

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