इस्रायल के प्रधानमंत्री और सौदी के क्राउन प्रिन्स सहयोग का इतिहास रचेंगे – इस्रायली विदेश मंत्री एली कोहेन

तेल अवीव – इस्रायल और सौदी अरब का सहयोग स्थापित होगा। अधिकृत स्तर पर यह सहयोग नहीं हुआ तो दोनों देश आर्थिक स्तर पर एक-दूसरे से घना सहयोग करेंगे, ऐसा दावा करके इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने ध्यान आकर्षित किया है। इसी बीच इस्रायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने यह कहा है कि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू और सौदी अरब के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान दोनों देशों का सहयोग स्थापित करके इतिहास रचेंगे। ईरान एक ही समय पर इस्रायल और सौदी का भी शत्रु होने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करके विदेश मंत्री कोहेन ने यह अनुमान व्यक्त किया।

इस्रायल और सौदी अरब का राजनीतिक सहयोग स्थापित हो सकता हैं, ऐसा दावा अमरीका ने किया था। अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने अपनी सौदी यात्रा के बाद यह ऐलान किया था। लेकिन, सौदी अरब ने इसके लिए कुछ शर्ते भी रखी होने के दावे किए जा रहे हैं। इनमें सौदी पर हमला होने पर अमरीका से सुरक्षा की गारंटी, अमरीका से उन्नत हवाई सुरक्षा यंत्रणा की आपूर्ति और नागरी परमाणु प्रकल्प की मांग का समावेश है। साथ ही पैलेस्टिनियों के लिए सौदी इस्रायल के सामने कुछ सहूलियत देने की मांगे रखेगा, ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू की आक्रामक सरकार यह मांगे स्वीकार करेगी क्या, यह सवाल इस्रायल के विश्लेषक कर रहे हैं।

राजनीतिक इच्छा शक्ति होगी तो राजनीतिक मार्ग भी निकल सकेगा, ऐसा बयान प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने एक अमरिकी वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार के दौरान किया है। इसके ज़रिये हम सौदी से सहयोग करने के लिए पैलेस्टिनियों को सहुलित प्रदान करने के लिए तैयार होने के संकेत नेत्यान्याहू ने दिए होने का दावा किया जा रहा है। साथ ही पैलेस्टिनियों का मुद्दा इस्रायल-सौदी सहयोग में अड़ंगा नहीं बन सकता, यह विश्वास भी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने व्यक्त किया। यदि कुछ कारणों से सौदी और इस्रायल का सहयोग अधिकृत स्तर पर स्थापीत नहीं हो सका तो दोनों देश एक-दूसरे से आर्थिक स्तर पर यकिनन सहयोग करेंगे, ऐसा सूचक बयान प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किया है।

वहीं, सौदी अरब के अखबार को दिए साक्षात्कार में इस्रायली विदेश मंत्री एली कोहेन ने इस्रायल, अमरीका और सौदी का सहयोग तीनों देशों के हित में होने का दावा किया। इसके काफी बड़े आर्थिक लाभ इन देशों को प्राप्त होंगे और इस क्षेत्र में स्थिरता स्थापीत होगी, ऐसा विदश मंत्री कोहेन ने कहा हैं। इस्रायल और सौदी का सहयोग ज्यूधर्मी और इस्लाम धर्मियों को लाभ पहुंचाने वाला साबित होगा, यह विश्वास भी इस्रायली विदेश मंत्री ने व्यक्त किया। साथ ही ईरान यह एक ही समय पर इस्रायल और सौदी का भी बैरी होने की याद भी इस्रायली विदेश मंत्री ने ताज़ा की।

कुछ महीने पहले, चीन की मध्यस्थता से सौदी अरब और ईरान के बीच राजनीतिक सहयोग स्थापीत हुआ था। इसके बाद फिर से इस्रायल-सौदी अरब राजनीतिक सहयोग की चर्चा शुरू हुई है। इस्रायल के नेता इस मुद्दे को लेकर लगातार दावे कर रहे हैं, फिर भी सौदी ने अभी इसपर अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं की है। लेकिन, सौदी इस मुद्दे पर खुलेआम कोई दावे नहीं कर रहा हो, फिर भी सौदी ने काफी पहले ही ईरान के विरोध में इस्रायल से सहयोग शुरू करने जानकारी सामने आयी थी। दोनों देशों के नेताओं की गुप्त बैठक होने की खबरें भी सामने आयी थी। लेकिन, यही सहयोग सार्वजनिक करने के लिए इस्रायल को कुछ निर्णय करने होंगे, इसका अहसास सौदी दे रहा हैं। इसके अनुसार हम समझौते के लिए तैयार होने के संकेत इस्रायल भी दे रहा हैं। इससे इस्रायल-सौदी सहयोग के लिए आवश्यक पृष्ठभूमि तैयार होती दिख रही हैं।

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