रशिया समेत यूरोप की सैन्य तैनाती सीमित करने वाले समझौते से रशिया बाहर – नाटो द्वारा भी यही रुख अपनाने का ऐलान

मास्को/ब्रुसेल्स – रशिया और यूरोपिय देशों की एक-दूसरे की सीमा पर होने वाली सैन्य तैनाती सीमित रखने के लिए किए समझौते से रशिया बाहर हुई हैं। रशिया के इस निर्णय के बाद नाटो ने भी इस समझौते से बाहर होने का निर्णय किया है। रशिया और नाटो के इस निर्णय की वजह से रशिया और यूरोपिय देशों के बीच जारी तनाव अधिक बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। कुछ दिन पहले रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने पोलैण्ड को सैन्य तैयारी एवं अन्य गतिविधियों के मुद्दे पर धमकाया था।

रशिया समेत यूरोप की सैन्य तैनाती सीमित करने वाले समझौते से रशिया बाहर - नाटो द्वारा भी यही रुख अपनाने का ऐलानशीत युद्ध की समाप्ति होने के बाद वर्ष १९९० में रशिया और यूरोपिय देशों ने ‘ट्रिटी ऑ कन्व्हेन्शल आर्म्ड फोर्सेस इन यूरोप’ (सीएफई) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। वर्ष १९९२ में इस समझौते को संबंधित देशों ने स्वीकृति प्रदान की थी। नाटो सदस्य देश और रशिया ने एक-दूसरें की सीमा पर कितनी मात्रा में और किस तरह की सैन्य तैनाती करनी होगी, इससे संबंधित प्रावधान इस समझौते में शामिल किए गए थे।

वर्ष २००७ में रशिया ने इस समझौते के अपना सहयोग स्थगित किया था। इसके बाद वर्ष २०१५ में इस समझौते के लिए रशिया सक्रिय योगदान नहीं देगी, ऐसा ऐलान किया गया था। पिछले साल रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने इस समझौते से पुरी तरह से बाहर होने के संकेत दिए थे। इस वर्ष मई महीने में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इस मुद्दे पर ऑर्डर जारी की थी। इसके बाद मंगलवार के दिन रशिया के विदेश विभाग ने ‘सीएफई’ से पुरी तरह से बाहर होने का ऐलान किया।

‘सीएफई’ और मौजूदा स्थिति का कोई संबंध नहीं रहा और अमेरिका की नाटो के विस्तार एवं सैन्य तैनाती करने के लिए हो रही कोशिश इन प्रावधानों का खुला उल्लंघन है। इस वजह से रशिया ने इससे बाहर होने का निर्णय करने का बयान रशिया के विदेश विभाग ने किया है। रशिया समेत यूरोप की सैन्य तैनाती सीमित करने वाले समझौते से रशिया बाहर - नाटो द्वारा भी यही रुख अपनाने का ऐलानरशिया के इस ऐलान के बाद नाटो ने भी इस समझौते से बाहर होने का निर्णय घोषित किया है।

रशिया के बाहर होने के बाद यूरोपिय देश ‘सीएफई’ का पालन करना संभव नहीं है, ऐसा नाटो ने कहा। पिछले वर्ष शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर रशिया और यूरोपिय देशों के संबंध पहले से बिगड़े हैं। अब ‘सीएफई’ से बाहर होने के किए गए निर्णय से यह संबंध अधिक बिगड़ने की संभावना जताई है। कुछ दिन पहले ही रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने यूरोपिय महासंघ का ज़िक्र करते हुए उसे शत्रु बताया था। इसके बाद यह इशारा भी दिया था कि, रशिया आगे पोलैण्ड को धमकाकर उसे नष्ट कर देगी।

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