रशिया-यूक्रेन युद्ध के कारण अफ्रीका में शुरू हुआ अन्न के लिए महायुद्ध – इटली के विदेशमंत्री की चेतावनी

रोम – ‘अफ्रीका में अब अन्न के लिए महायुद्ध शुरू हुआ है। हमें इस युद्ध को रोकना होगा। यूक्रेन में जारी संघर्ष का हल जल्द से जल्द निकाला नहीं गया तो अफ्रीका में भीषण सूखे जैसी स्थिति बनेगी’, ऐसा इशारा इटली के विदेशमंत्री लुईगी दि मायो ने दिया। इस स्थिति के लिए इटली के विदेशमंत्री ने रशिया को ज़िम्मेदार बताया है।

रशिया ने यूक्रेन पर किए हमले की वजह से पूरे विश्व में भुखमरी की समस्या निर्माण होने का आरोप पश्चिमी देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन लगा रहे हैं। इस वजह से अविकसित और उपेक्षित देशों में भुखमरी का चक्रवात निर्माण होगा, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दी है। पहले ही कोरोना संकट और अंदरुनि संघर्ष की वजह से इन अविकसित देशों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन, यूक्रेन युद्ध की वजह से खाद एवं ईंधन जैसे आवश्यक सामान का निर्यात बाधित हुआ है और इससे संबंधित देशों पर भुखमरी का चक्रवात टकरा सकता है, ऐसा इशारा राष्ट्र राष्ट्रसंघ ने दिया था।

इटली के विदेशमंत्री दि मायो ने अधिक खुलकर अफ्रीकी देशों में अनाज के लिए महायुद्ध छिड़ने का बयान करके वहां की स्थिति आनेवाले दिनों में अधिक ही भीषण बनेगी, यह इशारा दिया। इसके लिए रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ज़िम्मेदार होने का आरोप इटली के विदेशमंत्री ने लगाया। ‘रशियन युद्धपोतों ने यूक्रेन के बंदरगाहों में तीन करोड़ टन से अधिक अनाज रोक रखा है। यूक्रेन के बंदरगाहों में फंसा हुआ यह सामान रशिया रिहा करे वरना, अफ्रीका की स्थिति अधिक ही भयानक हो जाएगी’, ऐसा इशारा मायो ने दिया।

रशिया-यूक्रेन युद्ध के कारण अनाज के अलावा खाद के आयात पर भारी असर पड़ा है। रशिया और यूक्रेन का युद्धविराम करवाकर अन्न संकट के मसले का हल निकालने के लिए तुर्की मध्यस्थता कर रहा है। इस पृष्ठभूमि पर बुधवार को रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने तुर्की का दौरा किया। इस दौरान रशियन विदेशमंत्री ने यूक्रेन के बंदरगाहों में स्थित अनाज के भंड़ारों में जमा अनाज का निर्यात करने की तैयारी दिखाई। लेकिन, इन भंड़ारों के इलाकों में अन्य किसी ने नहीं, बल्कि यूक्रेन ने ही समुद्री सुरुंग बिछाए हैं, इस पर लैव्हरोव्ह ने ध्यान आकर्षित किया। यह सुरुंग नाकाम करने का ज़िम्मा रशिया का नहीं बल्कि यूक्रेन का है, ऐसा रशियन विदेशमंत्री ने ड़टकर कहा।

पिछले हफ्ते रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अफ्रीकी महासंघ के अध्यक्ष से मुलाकात की थी। इस दौरान अफ़्रीका के साथ पूरे विश्व में उभरे भुखमरी के संकट के लिए रशिया ज़िम्मेदार नहीं, ऐसा ऐलान अफ्रीकी महासंघ के अध्यक्ष ने किया था। पश्चिमी देशों ने यदि रशिया पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए तो अनाज की आपूर्ति सामान्य होगी, यह ऐलान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया था। लेकिन, उनकी यह माँग स्वीकारने के लिए यूक्रेन और पश्चिमी देश तैयार नहीं हैं। इस वजह से अनाज की किल्लत और भुखमरी की गंभीर  समस्या के लिए रशिया नहीं, बल्कि यूक्रेन और पश्चिमी देश ज़िम्मेदार होने की बात रशिया विश्व के सामने रख रही है।

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