रशिया-यूक्रेन युद्ध के दौर में रशिया ने प्राप्त की विक्रमी आय – सबसे ज्यादा रकम यूरोपिय देशों से प्राप्त

मास्को – यूक्रेन विरोधि युद्ध शुरू होकर १०० से अधिक दिन बीत चुके हैं और इसी दौरान रशिया ने ईंधन निर्यात से विक्रमी मुनाफा प्राप्त करने की बात स्पष्ट हुई है। युद्ध के १०० दिनों में रशिया ने ईंधन निर्यात से भारी ९८ अरब डॉलर्स प्राप्त किए हैं। इनमें से ६० प्रतिशत से अधिक राशि यूरोपिय देशों से प्राप्त हुई है। इस वजह से यूक्रेन के समर्थन में रशिया पर प्रतिबंध लगनेवाने यूरोपिय देशों का दोगलापन फिर से सामने आया है।

रशिया ने यूक्रेन के खिलाफ शुरू किए सैन्य अभियान के ११० दिन पूरे हुए हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही पश्‍चिमी देशों ने लगातार रशिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाना जारी रखा है। रशिया के ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाकर रशियन अर्थव्यवस्था की रीड़ तोड़ने के इशारे पश्‍चिमी देशों ने दिए थे। कुछ दिन पहले ही यूरोपिय महासंघ ने रशिया से आयात हो रहे कच्चे तेल पर पाबंदी लगाने का निर्णय घोषित किया था।

लेकिन, इसके बावजूद सच्चाई कुछ अलग ही होने की बात स्पष्ट हुई है। फिनलैण्ड के ‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी ऐण्ड क्लीन एअर’ (सीआरईए) नामक गुट ने रशियन ईंधन निर्यात संबंधित विस्तृत रपट पेश की है। इसके अनुसार यूक्रेन युद्ध शुरू होन के बाद १०० दिनों में रशिया ने ९८ अरब डॉलर्स की विक्रमी आय प्राप्त की है। इसमें ६१ प्रतिशत हिस्सा यूरोपियन देशों का है। यूरोप के पांच प्रमुख देशों ने रशियन ईंधन के लिए तकरीबन ४० अरब डॉलर्स चुकाने की बात स्पष्ट हुई।

रशिया पर सबसे अधिक निर्भर जर्मनी ने १२.७ अरब डॉलर्स, नेदरलैण्डस्‌ ने ८.४ अरब डॉलर्स चुकाए हैं। रशिया को इटली ने ८.२ अरब डॉलर्स पोलैण्ड ने ४.८ अरब डॉलर्स और फ्रान्स ने ४.५ अरब डॉलर्स का भुगतान किया है। रशिया की सबसे ज्यादा आय कच्चे तेल के निर्यात से हुई है। हर महीने रशिया यूरोपिय देशों को लगभग छह करोड़ बैरल्स से अधिक कच्चा तेल निर्यात करती है। इस पृष्ठभूमि को ध्यान में रखें तो रशिया को सबसे ज्यादा महसूल यूरोपिय देशों से ही प्राप्त होने की बात स्पष्ट होती है।

कच्चे तेल के अलावा रशिया यूरोपिय देशों को नैसर्गिक ईंधनवायु और कोयले का निर्यात करती है। ईंधनवायु के आयात के लिए यूरोपियन देश रशिया को हर दिन ४० करोड़ डॉलर्स से अधिक राशि अदा करते हैं, यह जानकारी भी सार्वजनिक हुई थी। युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन ने लगातार इसी मुद्दे पर ध्यान केंद्रीत करके यूरोपिय देश रशिया से ईंधन आयात बंद करें, यह माँग रखी थी। ईंधन से रशिया को प्राप्त होनेवाला हरएक डॉलर यूक्रेन का अधिकाधिक खून बहानेवाला साबित होगा, ऐसे सख्त शब्दों में यूक्रेन ने यूरोपिय देशों की आलोचना की थी। इसके बावजूद अन्य देशों को उपदेश देनेवाले यूरोपिय देशों ने ईंधन के माध्यम से रशिया को विक्रमी महसूल प्राप्त करने दिया, यह बात नई रपट से स्पष्ट हो रही है।

दो महीने पहले ‘ब्लूमबर्ग’ नामक प्रमुख वेबसाईट के वृत्त में दावा किया गया था कि, रशिया इस साल ईंधन निर्यात से विक्रमी ३२० अरब डॉलर्स की आय प्राप्त करेगी।

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