यूरोपीय महासंघ की पाबंदी की पृष्ठभूमि पर रशिया ने कच्चे तेल का उत्पादन और निर्यात बढ़ाई

मास्को – यूरोपीय महासंघ ने रशिया से आयात हो रहें कच्चे तेल पर पाबंदी लगाने के लिए शुक्रवार को मंजूरी प्रदान की। इस पाबंदी से महासंघ के पांच सदस्य देशों को सहुलियत प्रदान की गयी है। महासंघ ने पाबंदी लगाने का निर्णय करने का रशिया पर ज्यादा असर नहीं होगा, यह चित्र सामने आ रहा है। रशिया ने मई महीने में हर दिन १.०२ करोड़ बैरल्स ईंधन उत्पादन शुरू करने की जानकारी रशियन माध्यमों ने दी। कच्चे तेल की निर्यात भी १३ प्रतिशत बढ़ने का दावा किया गया है।

कच्चे तेल का उत्पादनपिछले कुछ दिनों में यूरोपिय देशों द्वारा रशियन ईंधन की हो रही आयात का मुद्दा काफी गरमाया था। हंगरी जैसें सदस्य देश ने इसपर अपनाई आक्रामक भूमिका से महासंघ के लिए मुश्किलें खड़ी होने की बात सामने आयी थी। लेकिन, इसपर सहूलियत के रूप में हल निकालकर महासंघ ने अपनी मुश्किलें दूर करने की बात सामने आ रही है। शुक्रवार को महासंघ के विदेश प्रमुख जोसेप बॉरेस ने रशियन ईंधन पर लगाए पाबंदी की जानकारी प्रदान की। इसमें हंगरी, झेक रिपब्लिक,स्लोवाकिया, बल्गेरिया और क्रोएशिया इन पांच देशों को सहुलियत देने की बात कही गयी है।

कच्चे तेल का उत्पादनमहासंघ के ये पाँचों देश वैकल्पिक व्यवस्था कार्यरत होने तक रशियन ईंधन आयात कर सकेंगे। इन देशों के अलावा अन्य देश रशियन ईंधन की आयात इस साल के अन्त तक बंद करेंगे। इससे रशिया से यूरोप पहुँच रहें कच्चे तेल में से ९० प्रतिशत तेल की निर्यात बंद होगी, यह दावा किया जा रहा है। यूरोपिय महासंघ रशियन तेल का आयात करने के लिए हर दिन ४५ करोड़ डॉलर्स चुका रहा है, ऐसा कहा जाता है।

इसी बीच, यूरोपिय महासंघ के साथ पश्चिमी देशों ने लगाए पाबंदी का रशिया पर ज्यादा असर नहीं होगा, यह जानकारी सामने आयी है। मई महीने में रशिया ने अपने कच्चे तेल का उत्पादन प्रति दिन १ करोड़ दो लाख बैरल्स तक बढ़ाया हैं। अप्रैल महीने में यही मात्रा लगभग १ करोड़ बैरल्स थी। उत्पादन के साथ ही रशियन ईंधन की निर्यात भी बढ़ी हैं। जनवरी से मई तक के पांच महीनों में रशियन कंपनियों ने कुल १०.२७ करोड़ टन ईंधन निर्यात करने की जानकारी रशियन माध्यमों ने प्रदान की हैं। इसमें एशियाई देशों को प्राप्त हुए ईंधन का हिस्सा काफी बढ़ा बताया जा रहा है।

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