कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल १२० डॉलर्स तक उछलेगी

मास्को – ईंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक प्लस’ गुट ईंधन क्षेत्र में निवेश नहीं बढ़ाएंगे, इसकी वजह से अगले वर्ष ईंधन की कीमत प्रति बैरल १२० डॉलर्स तक उछल सकती है, ऐसा दावा रशियन ईंधन कंपनी ने किया है| इस वर्ष कच्चे तेल की कीमतों में ६० प्रतिशत तक भारी बढ़ोतरी हुई है| वर्तमान मैं ईंधन की कीमत प्रति बैरल ८० डॉलर्स से अधिक है और यह वर्ष २०१४ के बाद का रिकार्ड स्तर है| इस पृष्ठभूमि पर रशियन कंपनी का दावा ध्यान आकर्षित कर रहा है|

कच्चे तेल की कीमतविश्‍व की शीर्ष ईंधन कंपनियों में से एक ‘रोज़नेफ्ट’ कंपनी के उपाध्यक्ष ओटाबोक करिमोव ने ईंधन की कीमतों की बढ़ोतरी को लेकर बयान किया| ‘कच्चे तेल की मांग बढ़ रही है और ऐसे में ओपेक प्लस के सदस्य देश आवश्यक मात्रा में ईंधन उत्पादन बढ़ा नहीं सकते| ईंधन उत्पादक सदस्य देशों द्वारा इस क्षेत्र में निवेश बढ़ने की भी संभावना नहीं है| इसलिए फिलहाल विश्‍वभर में ईंधन की किल्लत निर्माण हो रही है| इससे ईंधन की कीमत पर असर पड़ेगा| कच्चे तेल की कीमत वर्ष २०२२ के दूसरे चरण में प्रति बैरल १२० डॉलर्स तक उछल सकती है’, यह इशारा करिमोव ने दिया|

कच्चे तेल की कीमतबीते कुछ महीनों में कोरोना की महामारी के संकट से संभलकर वैश्‍विक अर्थव्यवस्था सामान्य होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं| इससे ईंधन और बिजली की मांग बढ़ रही है| लेकिन, इसके साथ ही कोयला, नैसर्गिक ईंधन वायु, कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ती मांग के अनुसार ना बढ़ने से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है| जुलाई में ईंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक’ और ‘ओपेक प्लस’ गुटों की बैठक के दौरान ईंधन की सप्लाई बढ़ाने के समझौते पर सहमति हुई थी| इस समझौते के अनुसार अगस्त से कच्चे तेल का उत्पादन प्रतिदिन चार लाख बैरल्स बढ़ाया गया|

लेकिन, कच्चे तेल की मांग तेज़ी से बढ़ रही है और सप्लाई सीमित रहने से कीमतों की बढ़ोतरी होने लगी है| अगस्त में अमरीका के बायडेन प्रशासन ने ईंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक’ गुट को उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए थे| लेकिन, ‘ओपेक’ ने अमरीका की सूचना से इन्कार किया और अपने समझौते पर कायम रहने का निर्णय किया था| इसकी वजह से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है|

बीते महीने कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आने के बाद प्रमुख वित्तसंस्था एवं विश्‍लेषकों ने तेल की कीमत फिर से उछलकर १०० डॉलर्स से अधिक हो सकती है, यह अनुमान लगाया था| इस पृष्ठभूमि पर रशियन ईंधन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का यह बयान ईंधन की कीमतों की बढ़ोतरी जारी रहने के संकेत दे रहा है|

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