लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए म्यांमार की सेना को रशिया और चीन द्वारा हथियारों की आपूर्ति

– संयुक्त राष्ट्र संघ का आरोप

china-myanmar-democracy-russia-1यांगून – म्यांमार की सेना ने आँग सैन स्यू की की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटकर एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है और इस दौरान जुंटा हुकूमत ने अपनी पकड़ अधिकाधिक मज़बूत करने की कोशिश जारी रखी है| इस देश में लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों को कुचलने की कोशिश हो रही है और इसके लिए रशिया और चीन द्वारा प्रदान किए गए हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसा आरोप संयुक्त राष्ट्र संघ ने लगाया| इन दोनों देशों ने म्यांमार की जुंटा हुकूमत को लड़ाकू विमान, ड्रोन्स, बख्तरबंध वाहन, तोपें एवं राइफल्स की आपूर्ति की, ऐसा संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ अधिकारी थॉमस एँड्य्रूज् ने कहा है|

china-myanmar-democracy-russia-3अंतरराष्ट्रीय हुकूमत ने जुंटा हुकूमत पर प्रतिबंध लगाए हैं, फिर भी चीन और रशिया जैसे देश इस हुकूमत को बड़ी मात्रा में हथियार सप्लाई कर रहे हैं| चीन एवं रशिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने म्यांमार के दौरे करके जुंटा हुकूमत के अधिकारियों से चर्चा भी की है| चीन और रशिया दोनों ने अगले समय में भी सैन्य सहायता जारी रखने का वादा किया है| यह बात संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा म्यांमार की जुंटा हुकूमत के खिलाफ कार्रवाई में बाधा डाल रही है, यह दावा थॉमस एँड्य्रूज ने किया है|

china-myanmar-democracy-russia-2पिछले साल १ फ़रवरी को सेनाप्रमुख जनरल मिन आँग हलाईंग के नेतृत्व में सेना ने आँग सैन स्यू की की लोकनियुक्त सरकार का तख्ता पलटकर देश की सत्ता हथियाई थी| स्यू की एवं म्यांमार की सरकार के वरिष्ठ नेताओं को नज़रकैद किया गया| साथ ही लोकतांत्रिक सरकार के समर्थकों पर अमानुष कार्रवाई की गई| पिछले साल से जुंटा हुकूमत ने की कार्रवाई में लगभग डेढ़ लाख से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए हैं और तकरीबन १० हज़ार गिरफ्तार किए गए हैं|

china-myanmar-democracy-russia-4-300x225म्यांमार की सेना की क्रूरता के कई मामले पिछले कुछ महीनों में सामने आए हैं| जुंटा हुकूमत ने म्यांमार पर कब्ज़ा करने के साथ ही ऐसी घटनाएँ सरेआम हो रही हैं, ऐसा मानव अधिकार संगठनों का कहना है| कुछ महीने पहले अपने ही घरों में बैठी छोटी बच्चियों पर और उनके पिता पर गोली चलाए जाने की घटना सामने आयी थी| वायव्य कोण के एक गांव की बस्ती को भी सेना ने आग के हवाले किया था| जुंटा हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन करनेवालों को आश्रय देनेवाले गांवों पर हवाई हमले करना या उन घरों के युवा-युवतियों को उठाकर ले जाने की घटनाएँ भी सामने आयी हैं|

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