अंतरिक्ष में चीन और रशिया की जारी हरकतों से खतरे में हुई वृद्धि – ब्रिटेन के रक्षा अधिकारी का इशारा

लंदन – चीन और रशिया की अंतरिक्ष में जारी हरकतें अब अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए बढ़ता खतरा साबित हो रही हैं, ऐसा इशारा ब्रिटीश रक्षाबलों के अधिकारी ने दिया। ब्रिटेन की ‘स्पेस कमांड’ गुरूवार के दिन पूरी तरह से कार्यरत होने का ऐलान किया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में रक्षाबलों के अफसरों ने चीन और रशिया के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया। इस दौरान यह भी संकेत दिए गए हैं कि, भविष्य में ब्रिटेन ‘स्पेस वेपन्स’ की तैनाती करके इसका इस्तेमाल भी कर सकता है। चीन और रशिया ने बीते महीने में ही महत्वाकांक्षी ‘मून बेस’ का ऐलान किया था।

चीन और रशिया‘उपग्रह को गिराने की तकनीक चीन विकसित कर रहा है। इनमें उपग्रहों को सीधे लक्ष्य करनेवाले मिसाइल, लेज़र वेपन्स, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग और सीधे जाकर उपग्रहों से टकरानेवाली यंत्रणाओं का भी समावेश है। चीन ने अपने पुराने नाकाम हुए उपग्रहों को लक्ष्य करके इन यंत्रणाओं का परीक्षण किया है और अपनी क्षमता भी साबित की है’, इन शब्दों में एअर चीफ मार्शल सर माईक बिग्स्टन ने चीन के खतरे को लेकर इशारा दिया। बीते वर्ष से रशिया ने भी अंतरिक्ष में हथियार की तरह इस्तेमाल करना मुमकिन होगा, ऐसे उपग्रह तैनात किए थे, इस ओर भी सर विग्स्टन ने ध्यान आकर्षित किया। दूसरा उपग्रह तबाह किया जा सके, इस तरह सरशिया ने इस उपग्रह की गतिविधियाँ की थीं, यह दावा भी ब्रिटीश अधिकारी ने किया।

‘रशिया और चीन के अंतरिक्ष में जारी हरकतें अंतरिक्ष क्षेत्र के कारोबार के लिए खतरनाक साबित हो रही हैं। इन दोनों देशों ने काफी बेपरवाही से अपनी मुहिम चलाई है। हर वर्ष कई बार इनकी हरकतें दिखाई पड़ी हैं’, ऐसा बयान एअर चीफ मार्शल सर माईक विग्स्टन ने किया। भविष्य में युद्ध अंतरिक्ष में शुरू होगा या नहीं, यह कहा नहीं जा सकता लेकिन, इसमें जीत या हार अंतरिक्ष में ही तय होगी, यह इशारा भी विग्स्टन ने दिया। यदि अभी से योजना बनाकर तैयारी नहीं की तो जब भी संघर्ष शुरू होगा तब हम तैयार नहीं होंगे, यह इशारा भी ब्रिटीश अफसर ने दिया। विग्स्टन के साथ ही ब्रिटेन के ‘स्ट्रैटेजिक कमांड’ के प्रमुख जनरल सर पैट्रिक सैंडर्स ने भी अंतरिक्ष के खतरों की ओर ध्यान आकर्षित किया।

अंतरिक्ष में युद्ध भड़कने पर इसके परिणाम सेना के साथ आम नागरिकों को भी भुगतने पड़ेंगे, इस बात का अहसास सैंडर्स ने इस दौरान कराया। इसके साथ ही उन्होंने ब्रिटेन अंतरिक्ष में ‘स्पेस वेपन्स’ तैनात कर सकता है, ऐसे संकेत दिए। इस दौरान ब्रिटेन के मिनिस्टर फॉर डिफेन्स प्रोक्युरमेंट जेरेमी क्वीन भी मौजूद थे। उन्होंने ‘स्पेस कमांड’ कार्यरत होना ब्रिटेन के रक्षा क्षेत्र के लिए अहम कदम होने की बात स्पष्ट की। ब्रिटीश वायुसेना के ‘हाय वायकोम्प’ में स्थित अड्डे पर ब्रिटेन के ‘स्पेस कमांड’ का मुख्यालय स्थापित किया गया है। ब्रिटीश सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए १.४ अरब पौंड का निवेश किया है और ‘स्पेस कमांड’ इसका अहम चरण समझा जाता है। ब्रिटेन के अलावा फ्रान्स और जर्मनी जैसे यूरोपिय देशों ने भी ‘स्पेस कमांड’ का निर्माण किया है।

रशिया और चीन की अंतरिक्ष में जारी हरकतों पर अमरीका के अलावा पश्‍चिमी देशों ने पहले ही आलोचना की है। इन दोनों देशों की गतिविधियाँ संदिग्ध हैं और यह देश अंतरिक्ष का सैन्यकीकरण कर रहे हैं, यह आरोप अमरिकी अफसरों ने लगाया है। तभी, रशिया और चीन की अंतरिक्ष में देखी जा रही आक्रामकता को ब्रिटेन प्रत्युत्तर देगा, ऐसा खुला इशारा ब्रिटेन के रक्षामंत्री ने बीते वर्ष दिया था। वर्ष २०१९ में नाटो ने भी अंतरिक्ष क्षेत्र अब पांचवा ‘युद्धक्षेत्र’ (डोमेन) होने का ऐलान किया था।

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