मध्य एशियाई क्षेत्र की सुरक्षा के मुद्दे पर चीन और रशिया का गठबंधन

वॉशिंग्टन – अमरिकी सेना ने अफ़गानिस्तान से वापसी के बाद चीन और रशिया ने मध्य एशियाई देशों में प्रभाव बढ़ाने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। इन देशों में दोनों देशों के हित अलग अलग होने के बावजूद अमरीका को इस क्षेत्र से दूर रखने हेतु चीन और रशिया नज़दीक आ रहे हैं, यह दावा विश्‍लेषकों ने किया है। कुछ दिन पहले रशिया में आयोजित की गई एक बैठक की पृष्ठभूमि पर इस चर्चा ने जोर पकड़ने की बात कही जा रही हैं।

मध्य एशियाई क्षेत्रवर्ष १९९१ में रशियन संघराज्य का विघटन होने के बाद चीन ने मध्य एशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाना शुरू किया था। इन देशों में स्थित र्इंधन, ऊर्जा, खनिज और परिवहन क्षेत्र में चीन ने बड़ा निवेश किया है। ‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन’ के माध्यम से इन देशों के साथ सुरक्षा संबंध भी मज़बूत किए जा रहे हैं। साथ ही बीते कुछ वर्षों में चीन ने इन देशों को बड़ी मात्रा में रक्षा तकनीक और हथियार प्रदान करना शुरू किया है।

मध्य एशियाई देशों के रक्षा क्षेत्र में रशिया का हिस्सा बड़ा है और ‘कलेक्टिव सिक्युरिटी ट्रीटि ऑर्गनाइज़ेशन’ के माध्यम से रशिया ने इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ बनाए रखने की सफलता हासिल की है। अफ़गानिस्तान से अमरीका की वापसी के बाद इस क्षेत्र के देशों में आतंकवाद और शरणार्थियों के झुंड़ों का खतरा बढ़ा है। इसकी वजह से चीन और रशिया दोनों के हितों को चुनौती की संभावना की ओर विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया है।

मध्य एशियाई क्षेत्रइस पर गौर करके मध्य एशियाई देशों से संबंधित अजंड़ा तय करने के लिए चीन और रशिया ने गतिविधियाँ शुरू की हैं, ऐसा अलेक्ज़ांडर कोली ने कहा है। रशियन नेतृत्व चीन के बढ़ते प्रभाव पर ज्यादा खुश नहीं है, फिर भी अमरीका के वर्चस्व को रोकने के लिए वह चीन का साथ देंगे, इस बात का अहसास भी कोली ने कराया। चीन को अपने सरहदी क्षेत्र में उइगरवंशी संगठनों का खतरा कम करना है इसलिए चीन समझौता कर सकता है, यह दावा भी उन्होंने किया।

इसी बीच, चीन और रशिया के दरमियान अन्य क्षेत्र का सहयोग भी अधिक बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। चीन ने अपने देश में कोयले की किल्लत दूर करने के लिए रशिया से कोयले का आयात बढ़ाने की बात भी सामने आयी है। रशिया से आयात हो रहे कोयले की मात्रा बढ़कर लगभग तिगुनी होने की बात चीनी यंत्रणाओं ने साझा की हुई जानकारी सामने आयी है।

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