म्यांमार की जुंटा हुकूमत का समर्थन कर रहे चीन के ईंधन पाईपलाईन पर विद्रोहियों के हमले

myanmar-junta-regime-china-pipeline-1मंड़ाले – म्यांमार के मंड़ाले इलाके में स्थानीय जुंटा विरोधी विद्रोहियों ने चीन के ईंधन एवं गैस पाइपलाईन पर हमला किया। इस हमले में वर्णित पाईपलाईन का बड़ा नुकसान हुआ। इसके बाद म्यांमार की सेना ने ‘ना विन ताव बो’ इलाके से २४ लोगों को हिरासत में लिया। पिछले दो महीनों में म्यांमार में चीन के हितों पर यह तीसरा हमला है। पिछले साल म्यांमार की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटकर सत्ता हथियानेवाली जुंटा हुकूमत को चीन का समर्थन प्राप्त है। इस वजह से गुस्सा हुए म्यांमार के स्थानीय विद्रोही संगठन चीन के हितों को लक्ष्य कर रहे हैं।

म्यांमार की पीपल्स डिफेन्स फोर्स नामक जुंटा विरोधी विद्रोही संगठन ने पिछले हफ्ते मंड़ाले में ईंधन और गैस पाईपलाईन पर राइफल एवं ग्रेनेडस्‌ के हमले किए। साथ ही इस ईंधन पाईपलाईन की सुरक्षा के लिए तैनात म्यांमार की सेना को भी इन विद्रोहियों ने निशाना बनाया। इस हमले में ईंधन पाईपलाईन का बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, फिर भी इस हमले को भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि होने का दावा स्थानीय माध्यम कर रहे हैं। इस हमले के ज़रिये स्थानीय जनता अपना चीन के प्रति विरोध व्यक्त कर रही है, ऐसा इन माध्यमों का कहना है।

myanmar-junta-regime-china-pipeline-2मंड़ाले के इलाके की दो ईंधन पाईपलाईनों का निर्माण चीन ने किया है। म्यांमार के तटीय इलाके के राखीन प्रांत से यह पाईपलाईन सैंकड़ों किलोमीटर दूरी पर स्थिति चीन के युनान प्रांत तक जाती है। मलाक्का की खाड़ी से यात्रा कर रहे ईंधन टैंकर्स पर निर्भरता कम करने के लिए चीन ने म्यांमार के रास्ते ईंधन एवं गैस पाईपलाईनें बिछाई हैं। इससे चीन के लिए यह ईंधन और गैस पाईपलाईनें काफी अहमियत रखती है, यह दावा माध्यम कर रहे हैं।

पिछले साल फ़रवरी में म्यांमार की जुंटा हुकूमत ने ऐंग सैन स्यू की की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटने के बाद म्यांमार के विभिन्न हिस्सों में स्थित ईंधन और गैस पाईपलाईन पर हो रहे हमलों की मात्रा बढ़ी है। इन हमलों के पीछे जुंटा हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करने उतरे अलग अलग सशस्त्र संगठन हैं। अपने देश की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटनेवाली जुंटा हुकूमत को चीन का समर्थन प्राप्त होने का आरोप यह संगठन कर रहे हैं। इस वजह से जुंटा हुकूमत के साथ चीन को भी लक्ष्य करने के लिए यह संगठन ईंधन एवं गैस पाइपलाइनों पर हमले बढ़ा रही हैं।

म्यांमार में लोकतंत्र खत्म करके फिर से अपनी सरकार गठित करनेवाली जुंटा सेना का जनता द्वारा तीव्र विरोध हो रहा है। लोकतांत्रिक कार्यकर्ता, विद्रोही संगठन और म्यांमार के नेता जान की बाज़ी लगाकर जुंटा हुकूमत का हर संभव विरोध कर रहे हैं। म्यांमार में चीन के हितों को झटका दिए बिना म्यांमार में चीन का हस्तक्षेप बंद नहीं होगा। इसके लिए चीन के प्रकल्पों को लक्ष्य करना ही होगा, यह अनुमान लोकतांत्रिक एवं विद्रोही संगठन व्यक्त कर रहे हैं। इससे चीन को नुकसान पहुँच रहा है और अमानुष पद्धति से बल प्रयोग करने के बावजूद म्यांमार की जुंटा हुकूमत को इन हमलों को रोक नहीं पाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.