ब्रिटेन के रक्षा विभाग पर हुए साइबर हमले के पीछे रशिया का हाथ – ब्रिटेन के विशेषज्ञों का दावा

मास्को/लंदन – ब्रिटेन के रक्षा विभाग पर हुए साइबर हमलों के पीछे रशियन हैकर्स होने का दावा ब्रिटीश विशेषज्ञों ने किया है। इन साइबर हमलों मे ब्रिटेन की परमाणु पनडुब्बी ‘ट्राइडन्ट’ एवं गुप्तचर यंत्रणा जीसीएचक्यू’ से जुड़ी संवेदनशील जानकारी की चोरी होने की बात स्पष्ट हुई है। पिछले कुछ महीनों में ब्रिटेन पर रशिया ने साइबर हमला करने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले ब्रिटेन के सरकारी विभागों के साथ शीर्ष हवाई अड्डों की वेबसाईटस् पर रशियन हैकर्स ने साइबर हमला करने की जानकारी सामने आयी थी। 

ब्रिटेन के रक्षा विभागब्रिटेन की प्रमुख शिक्षा संस्था ‘उल्स्टर युनिवर्सिटी’ के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ केव्हिन कुरन ने रशियन साइबर हमलों की जानकारी सार्वजनिक की। रशियन हुकूमत से संबंधित हैकर्स के ‘लॉकबिट’ नामक गुट ने ब्रिटेन के रक्षा एवं गुप्तचर यंत्रणाओं से जुड़े ‘झाऊन’ नामक कंपनी पर साइबर हमला किया। इस साइबर हमले में कुल १० जीबी जानाकारी की चोरी की गई। यह पुरी जानकारी बाद में ‘डार्क वेब’ पर प्रसिद्ध की गई।

‘डार्क वेब’ पर प्रसिद्ध हुए इस जानकारी में ब्रिटेन के परमाणु पनडुब्बीसहित गुप्तचर यंत्रणा की अहम और खुफिया जानकारी का समावेश है। ब्रिटेन के ‘रिपर ड्रोन’ अभियान एवं इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर से जुड़ी जानकारी भी चोरी होने की बात कही जा रही है। ब्रिटेन पर किया गया यह साइबर हमला काफी खतरनाक होने की चेतावनी ‘उल्स्टर युनिवर्सिटी’ के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ केव्हिन कुरन ने दी। 

ब्रिटेन के रक्षा विभागयूक्रेन को वित्तीय और हथियारों की सहायता प्रदान कर रहे प्रमुख देख के तौर पर ब्रिटेन की पहचान बनी है। पिछले एक साल से ब्रिटेन ने यूक्रेन को अरबों डॉलर की सहायता प्रदान की है और आगे भी जारी रखने का वादा किया है। यूक्रेन को सहायता प्रदान करने के लिए ब्रिटेन अमरीका और नाटो पर भी जोर आजमाता दिखाई दिया है। साथ ही रशिया पर अधिक प्रतिबंध लगाकर रशियन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए ब्रिटेन ने पहल की है।

इस पृष्ठभूमि पर रशिया ने ब्रिटेन को लगातार आगाह किया हैं और ब्रिटेन की हरकतों पर पुख्ता जवाब देने की चेतावनी भी दी थी। ब्रिटेन पर हो रहे साइबर हमले इसी का हिस्सा होने का आगाज़ हो रहा है। रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले भी ब्रिटेन में हुए साइबर हमलों में रशिया का हाथ होने का आरोप ब्रिटीश यंत्रणाओं ने लगाए थे। लेकिन, अब इस मुद्दे को लेकर अधिक स्पष्ट दावे किए जा रहे हैं।

रशियन हैकर्स ने पिछले महीने में ही ब्रिटेन के सरकारी यंत्रणा के नेटवर्क पर बड़ा साइबर हमला करने का आरोप ब्रिटीश अधिकारियों ने लगाया था। इस साइबर हमले में रशियन हैकर्स ने ब्रिटेन के कुल चार करोड़ मतदाताओं की जानकारी चोरी होने की बात सामने आयी थी। जुलाई महीने में ब्रिटेन के शीर्ष हवाई अड्डों की वेबसाईटस्‌ पर साइबर हमला होने की घटना भी सामने आयी थी।

ब्रिटेन के एक अभ्यास गुट ने जारी की हुई रपट में यह कहा गया था कि, पिछले एक साल से भी अधिक समय से रशियन हैकर ब्रिटेन के नेटवर्क पर हमले कर रहे हैं। ब्रिटेन की जनतांत्रिक यंत्रणाओं को रशिया लक्ष्य कर रही हैं, ऐसा दावा भी ब्रिटीश अभ्यास गुट ने अधिकारियों के दाखिले से किया था।

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