ब्रिटेन और अमरीका के गुप्तचर प्रमुखों के भारत दौरे के बाद भारत और रशिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की चर्चा

नई दिल्ली – ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणा ‘एमआय६’ के प्रमुख और उसके बाद अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ के प्रमुख ने भारत की भेंट की थी। उसके बाद अब रशिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाय पत्रुशेव्ह भारत आए होकर, उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के साथ चर्चा संपन्न हुई। ये मुलाकातें और चर्चाएँ अफगानिस्तान की गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर जारी हैं। तालिबान ने सरकार स्थापना का निर्णय घोषित करने के बाद ये गतिविधियाँ तेज़ हुईं दिख रहीं हैं।

Britain-01तालिबान ने सरकार स्थापना की घोषणा करके अपने ३३ मंत्रियों के नाम और उनके खाते घोषित कर दिए। इनमें अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के आतंकवादियों का समावेश है। इतना ही नहीं, बल्कि तालिबान ने अफगानिस्तान के अन्य वांशिक गुटों को अपनी सरकार में स्थान नहीं दिया है। तालिबान के आतंकवादी, अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन करनेवालीं महिलाओं पर अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे हैं। इससे तालिबान का आतंकवादी चेहरा फिर एक बार दुनिया के सामने आया होकर, तालिबान की सरकार के तहत अफगानिस्तान आतंकवाद और कट्टरतावाद का जागतिक केंद्र बनेगा, यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

इसका बहुत बड़ा खतरा अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के लिए संभव है। लेकिन युरोपीय देश और अमरीका भी, अफगानिस्तान से फैलनेवाले आतंकवाद और कट्टरतावाद से सुरक्षित नहीं रह सकते, ऐसी चेतावनी जिम्मेदार देशों की गुप्तचर संस्थाओं के विद्यमान और पूर्व अधिकारी दे रहे हैं। इसी कारण अफगानिस्तान की परिस्थिति पर नजर रखे होनेवाले अमरीका, रशिया, ब्रिटेन इन देशों ने भारत के साथ चर्चा जारी रखी है। गोपनीय जानकारी के संदर्भ में इस चर्चा का महत्व भारी मात्रा में बढ़ा है।

Ajit-britain-02ब्रिटेन का गुप्तचर संगठन ‘एमआय६’ के प्रमुख रिचर्ड मूर ने पिछले हफ्ते भारत की भेंट की थी। इस भेंट के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के साथ अफगानिस्तान पर चर्चा की। इस चर्चा का विवरण देने से ब्रिटेन ने इन्कार किया है। गुप्तचर विभाग के संदर्भ में की चर्चा का विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, ऐसा ब्रिटेन ने कहा है। उसके बाद मंगलवार सुबह अमरीका के ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स नई दिल्ली में दाखिल हुए।

सीआयएप्रमुख बर्न्स ने अजित डोवल से मुलाकात करके अफगानिस्तान पर चर्चा की। चर्चा का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है । उसके कुछ ही घंटों में बुधवार को रशिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाय पत्रुशेव्ह ने नई दिल्ली आकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से चर्चा की। अफगानिस्तान की गतिविधियाँ यही इस चर्चा का मुख्य मुद्दा था।

अफगानिस्तान की परिस्थिति के कारण रशिया के साथ ही, मध्य एशियाई देशों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा संभव है, यह मुद्दा डोवल और पत्रुशेव्ह की इस चर्चा में था। अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत, यह पाकिस्तान जैसे आतंकवाद का पुरस्कार करनेवाले देश के लिए भारत के विरोध में प्राप्त हुआ बहुत बड़ा मौका साबित होगा, ऐसा भारत का कहना है। बहुत पहले से भारत इस खतरे का एहसास दुनियाभर के प्रमुख देशों को कराता आया है। अब जबकि यह खतरा सच होता दिख रहा है, तब अमरीका, रशिया और ब्रिटेन की गुप्तचर तथा सुरक्षा यंत्रणा के प्रमुखों का भारत के साथ चर्चा करना, यह बहुत बड़ी बात साबित होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.