आर्टिफिशल इंटेलिजन्स में बढ़त बनाने की चीन-रशिया की कोशिशें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल करेंगी – ब्रिटेन के ‘एमआई-६’ के प्रमुख का इशारा

china-russia-ai-2लंदन – ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ के क्षेत्र में प्रभुत्व पाने के लिए चीन और रशिया की कड़ी कोशिशें अगले दस वर्षों के दौरान भू-राजनीतिक गणित को बदल देंगी| सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि, क्वांटम कम्प्युटिंग, सिंथेटिक बायोलॉजी में बढ़त पाने की इन दोनों देशों की मंशा और इसके लिए उनके द्वारा किया जानेवाला निवेष चिंताजनक है| इस खतरे की ओर लोकतांत्रिक शक्तियों को ध्यान देना चाहिए’, ऐसा इशारा ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा ‘एमआई-६’ के प्रमुख रिचर्ड मूर ने दिया|

बतौर ‘एमआई-६’ के प्रमुख रिचर्ड मूर ने पहली बार ब्रिटेन की सरकार और सुरक्षा यंत्रणाओं के सामने अपनी भूमिका रखी| इससे पहले मूर के भाषण के कुछ मुद्दे ब्रिटेन की सरकार ने सोमवार के दिन सार्वजनिक किए| ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणा की कार्यपद्धति में बड़े बदलावों की आवश्यकता होने का सुझाव मूर ने दिया है| इसके अलावा, नवीनतम प्रगत तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणाओं ने पुराने बंधन त्यागने की ज़रूरत होने का बयान मूर ने किया|

china-russia-ai-1आर्टिफिशल इंटेलिजन्स – ’एआई’ अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में चीन और रशिया से ब्रिटेन काफी पिछड़ा होने का अहसास मूर ने कराया| ‘एआई’ में वर्चस्व पाने के लिए चीन और रशिया कड़ी कोशिशें करने में जुटे होने की बात पहले ही स्पष्ट हुई थी| इसी दौरान अमरीका, ब्रिटेन इस क्षेत्र में अभी काफी पीछे होने के इशारे अमरिकी यंत्रणा और सैन्य विश्‍लेषकों ने दिए थे| रिचर्ड मूर ने भी यही इशारा दिया|

‘आनेवाले दशक में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होनेवाली प्रगति पिछली सदी में इस क्षेत्र की हुई प्रगति को पिछाड़ देगी, इतनी तेज़ी से इस क्षेत्र में प्रगती होगी| समाज के तौर पर हमें यह वास्तव एवं इसके भू-राजनीतिक परिणामों का स्वीकार करना पडेगा| ‘एमआई-६’ को इस ओर ध्यान देना पडेगा’, इस ओर मूर ने ध्यान आकर्षित किया|

एआई, क्वांटम कम्प्युटिंग, सिंथेटिक बायोलॉजी क्षेत्र में प्रगति करने के लिए ‘एमआई-६’ को इस क्षेत्र की अन्य कंपनियों के साथ सहयोग बढ़ाना पडेगा| इसके लिए सरकारी कंपनियों के साथ सहयोग से बाहर निकलना पडेगा, ऐसा कहकर मूर ने अपने विचार रखे| जेम्स बॉंड के हॉलिवुड फिल्म की तरह ‘एमआई-६’ भी प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रगति के लिए अपनी ही यंत्रणाओं पर निर्भर होने से ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा का विकास नहीं हो पाया, ऐसी फटकार भी मूर ने इस दौरान लगाई|

आनेवाले दिनों में ‘एआई’ और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अन्य मोर्चों पर मुँहतोड़ काम नहीं किया गया तो चीन और रशिया जासूसी के क्षेत्र में भी नई क्रांति करेंगे, यह इशारा ‘एमआई-६’ के प्रमुख ने दिया|

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