परमाणु हथियारों का इस्तेमाल युद्ध को रोकने के लिए होना चाहिये – सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों का ऐलान

संयुक्त राष्ट्र – ‘परमाणु हथियारों से सज्जित देशों का युद्ध टालना और सामरिक खतरे कम करना हमारी प्रथम ज़िम्मेदारी है। परमाणु युद्ध को जीतना कभी भी मुमकिन नहीं और इसलिए यह युद्ध कभी भी नहीं होना चाहिये। परमाणु हथियारों का इस्तेमाल काफी लंबे समय तक परिणाम कर सकता है। इस वजह से इनका इस्तेमाल रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए ही होना चाहिए। संभावित हरकत को रोकना एवं युद्ध को टालना ही इसका उद्देश्‍य होना चाहिये। परमाणु हथियारों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी रोकनी होगी’, यह ऐलान सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों ने किया। इन स्थायी सदस्य देशों में अमरीका, रशिया, चीन, ब्रिटेन और फ्रान्स का समावेश है।

nukes-usage-to-stop-war-2छह महीने पहले ही स्वीडिश अध्ययन मंड़ल ‘सिप्री’ द्वारा जारी रपट में विश्‍व के नौं परमाणु हथियारों से सज्जित देशों ने तैनात किए परमाणु हथियारों की संख्या में बढ़ोतरी होने की जानकारी दी थी। इस रपट के अनुसार २०२१ के शुरू में विश्‍वभर में तैनात परमाणु हथियारों की संख्या ३,८२५ हुई थी। इसके पीछले वर्ष यही संख्या ३,७२० थी। अमरीका और रशिया ने अपने तैनात परमाणु हथियारों में से लगभग २,००० परमाणु हथियारों को ‘हाय ऑपरेशनल अलर्ट’ की स्थिति में रखने की जानकारी ‘सिप्री’ की रपट में दर्ज़ की गई थी। साथ ही चीन अपने परमाणु हथियारों में तेज़ बढ़ोतरी कर रहा है और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी शुरू होने की बात ‘सिप्री’ की रपट में कही गई थी।

इस पृष्ठभूमि पर नए वर्ष के शुरू में ही परमाणु हथियारों से सज्जित देशों के समावेश वाले स्थायी सदस्य देशों के गुट ने परमाणु युद्ध रोकना और परमाणु हथियारों का प्रसार रोकने से संबंधित जारी किया संयुक्त निवेदन ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस निवेदन में परमाणु हथियारों की पाबंदी से संबंधित समझौते का ज़िक्र किया गया है और पांचों परमाणु हथियारों से सज्जित देश इसका अमल करने के लिए वचनबद्ध होने की बात कही गयी है। पांच परमाणु देश एक-दूसरे के खिलाफ या अन्य किसी भी देश के खिलाफ परमाणु हथियार नहीं तानेंगे, यह दावा भी निवेदन में किया गया है। एक-दूसरे की सुरक्षा संबंधित हित एवं चिंता ध्यान में रखकर और एक-दूसरे का सम्मान करके रणनीतिक मुद्दों पर बातचीत की जाएगी, यह भी संयुक्त निवेदन में कहा गया है।

स्थायी सदस्यों द्वारा जारी किए गए इस निवेदन पर रशिया ने स्वतंत्र बयान किया है और विश्व स्तर पर तनाव कम करने के लिए सहायता मिलेगी, यह दावा भी किया। तो, परमाणु हथियारों पर रोक लगाने के साथ निःशस्त्रीकरण के लिए पांचों देशों की वचनबद्धता निवेदन से रेखांकित हो रही है, ऐसा फ्रान्स ने कहा है।

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