‘जूईश एजेन्सी’ पर रशिया ने की कार्रवाई का रशिया-इस्रायल संबंधों पर असर पडेगा

जेरूसलम – ‘रशिया के संबध इस्रायल के लिए काफी अहम हैं। रशिया में ज्यूधर्मी काफी बड़ी संख्या में हैं और उनकी भी उतनी ही अहमियत हैं। रशियन सरकार की हर एक चर्चा में वहां के ज्यूधर्मियों से संबंधित चर्चा होती हैं। ऐसी स्थिति में रशिया की ज्यूईश एजेन्सी का दफ्तर बंद किया तो इसका गंभीर परिणाम दोनें देशों के ताल्लुका पर होगा’, ऐसी चेतावनी इस्रायल के प्रधानमंत्री येर लैपिड ने दी। पिछले हफ्ते रशियन सरकार ने मास्को की ज्यूईश एजेन्सी बंद करने के निदेश दिए थे। इसपर इस्रायल में तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई और लैपिड सरकार रशिया के सामने कमज़ोर रवैया ना दिखाए, ऐसी माँग इस्रायल से हो रही हैं।

‘जूईश एजेन्सी'यूक्रेन के युद्ध की वजह से इस्रायल और रशिया संबंधों में तनाव निर्माण हुआ हैं। यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने का निर्णय करने पर रशिया ने इसके विरोध में इस्रायल को सूचित किया था। साथ ही यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की जैसें नेता को इस्रायल ने हथियार प्रदान करना यानी हिटलर को हथियारों की आपूर्ति करना होगा, ऐसी टिपणी रशियन विदेशमंत्री लैव्हरोव्ह ने कीथी। इसपर इस्रायल से तीखीं प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी। इस मामले में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दिलगिरी व्यक्त की थी। इसके बाद भी सीरिया में इस्रायल ने हवाई हमला करने से रशिया और इस्रायल एक-दूसरे के सामने खड़े होने की बात सामने आयी थी। इन हमलों के विरोध में रशिया ने इस्रायल के चेतवनी दी हैं।

ऐसी स्थिति में रशिया के कानून विभाग ने पिछले हफ्े राजधानी मास्को में स्थित ‘ज्यूईश एजेन्सी फॉर इस्रायल‘ नामक संस्था बंद करने का निर्णय घोषित किया। इस संस्था ने रशियन सरकार के नियमों का उल्लंघन किया हैं, यह आरोप लगाया गया था। इसके लिए वर्णित संस्था को अगले निर्णय तर ताला लगाने की सूचना रशियन सरकार ने की थी। इसपर इस्रायल के सभी स्तरों से प्रतिक्रिया सामने आयी। इस्रायल के प्रधानमंत्री ने सीधे शब्दों में रशिया के संबंध बिगड़ने का इशारा दिया। इस मामले की चर्चा करने के लिए इस्रायल स्वतंत्र शिष्टमंड़ल भेज रहा हैं। रशियाइस शिष्टमंड़ल को अनुमति प्रदान करेें, यह माँग इस्रायल के प्रधानमंत्री दफ्तर ने की।

ज्यूईश एजेन्सी के पूर्व प्रमुख नैटन शारान्सस्की ने लैपीड़ की रशिया संबंधित भूमिका का स्वागत किया। लेकिन, इस्रायल के प्रधानमंत्री ने अधिक ड़टकर रशिया के सामने खड़े होने की आवश्यकता हैं ऐसा शारान्स्की ने कहा। ऐसें में रशिया से भागकर इस्रायल पहुँचे ज्यू धर्मोपदेशक पिनशास गोल्डस्क्मित ने यह रशिया में स्थित ज्यूधर्मियों को और इस्रायल की सरकार से निवदन किया। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रशिया ने यूक्रेन से आनेवालों को रशिया की नागरिकता देना शुरू कियाथा। इसका दाखिला गोल्डस्क्मित ने दिया। साथ ही रशिया के ज्यूधर्मी इस देश और वहां की व्यवस्था के लिए बड़ा योगदान दे रहे हैं। यह ज्यूधर्मी इस्रायल लौटे और लैपिड सरकार उन्हें इस्रायली नागरिकता प्रदान करें। इससे रशिया में ‘ब्रेन ड्रेन’ तैयार होगा, यह दावा गोल्डस्क्मित ने किय।

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