अमरीका की बिनती करने के बावजूद रशिया विरोधि प्रस्ताव का समर्थन करने से इस्रायल दूर रहा

जेरूसलम – संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में रशिया विरोधि प्रस्ताव का इस्रायल समर्थन करे, ऐसी बिनती बायडेन प्रशासन ने की थी। लेकिन, इस्रायल ने रशिया विरोधि प्रस्ताव का समर्थन करना टालकर बायडेन प्रशासन की बिनती ठुकराई। इस्रायल की तरह अरब देशों ने भी रशिया विरोधि भूमिका अपनाने से दूर रहकर बायडेन प्रशासन को पीठ दिखाई है, यह दावा किया जा रहा है। बायडेन प्रशासन के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।

रशिया विरोधि प्रस्तावयूक्रैन संघर्ष के मामले में बायडेन प्रशासन ने कुछ ही घंटे पहले रशिया पर प्रतिबंधों का ऐलान किया। लेकिन, इन प्रतिबंधों से रशिया का कोई भी नुकसान नहीं होगा, इसका अहसास बायडेन प्रशासन को हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर रशिया की वैश्विक स्तर पर घेरने के लिए बायडेन प्रशासन ने मित्र एवं सहयोगी देशों का समर्थन प्राप्त करने की बड़ी कोशिश शुरू की है। अब तक लगभग ८१ देशों से संपर्क करके उन्हें रशिया विरोधि गठबंधन का हिस्सा बनाने का दावा बायडेन प्रशासन कर रहा है।

बायडेन प्रशासन ने अमरीका में स्थित इस्रायली राजदूत से संपर्क किया था। सुरक्षा परिषद की आम सभा में इस्रायल ने रशिया विरोधि प्रस्ताव के लिए अमरीका और पश्‍चिमी मित्रदेश समर्थन करें, यह माँग बायडेन प्रशासन ने की थी। लेकिन, इसके अनुसार भूमिका अपनाने से इस्रायल दूर रहा है। प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की सरकार द्वारा यह भूमिका अपनाने का दावा कुछ अफ़सरों ने इस्रायली अखबार से बातचीत करते हुए किया।

इस्रायली विदेशमंत्री येर लैपिड ने यूक्रैन पर रशिया ने की हुई कार्रवाई की आलोचना की थी। लेकिन, संयुक्त राष्ट्रसंघ जैसे अहम जगह पर रशिया विरोधि भूमिका ना अपनाने की इस्रायली सरकार की नीति होने का दावा स्थानीय माध्यम कर रहे हैं। राष्ट्र संघ में रशिया विरोधि प्रस्ताव के लिए अपने सहयोगी देशों पर निर्भर रहनेवाले बायडेन प्रशासन के लिए इस्रायल ने अपनाई यह भूमिका बड़ा झटका देनेवाली है। रशिया के हवाई हमलों का सामना करने के लिए इस्रायल हवाई सुरक्षा यंत्रणा यूक्रैन को प्रदान करे, यह माँग अमरीका ने रखी थी। लेकिन, इस्रायल ने अमरीका की इस माँग को भी पीठ दिखाई है।

बायडेन प्रशासन की रशिया विरोधि गठबंधन में इस्रायल की तरह अरब मित्रदेश भी शामिल नहीं हुए, इस पर अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। कुछ घंटे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में यूक्रैन मसले पर पेश किए गए प्रस्ताव पर वोट करने से तीन देश दूर रहे थे। भारत और चीन समेत यूएई का भी इनमें समावेश होने की ओर विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

कुछ दिन पहले अमरीका ने सौदी अरब से संपर्क करके यूरोपिय देशों के लिए र्इंधन वायु का उत्पादन बढ़ाने का आवाहन किया था। लेकिन, ईरान के समर्थन में लगातार भूमिका अपना रहे बायडेन प्रशासन को सौदी अरब ने जरा भी प्रतिसाद नहीं दिया था। नाटो के सहयोगी देश कतार ने भी रशिया विरोधि भूमिका अपनाना टाल दिया था। यह बात बायडेन प्रशासन की विश्‍वासार्हता पर सवाल खड़ा करनेवाली बनती है।

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