रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन का इस्रायल के प्रधानमंत्री को उल्लेखनीय संदेश

मॉस्को – ‘रशिया और इस्रायल ज्यूविरोध, तिरस्कार और वांशिक संघर्ष के विरोध में दृढ़तापूर्वक एकसाथ खड़े हैं। उसी के साथ इतिहास को झूठा साबित करने की अथवा दूसरे विश्वयुद्ध का नतीजा बदलने की कोशिश के विरोध में भी रशिया और इस्रायल की एकजुट है’, ऐसा रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने घोषित किया। इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट को भेजे संदेश में रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दोनों देशों के बीच के सहयोग के महत्व को अधोरेखांकित किया।

bennett-putinरशिया और इस्रायल के राजनीतिक सहयोग के तीन दशक पूरे हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट आनेवाले शुक्रवार को रशिया का दौरा करनेवाले हैं। उससे पहले रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने इस्रायल के प्रधानमंत्री को संदेश भेजा होकर, उसका विवरण दोनों देशों के माध्यमों में जारी हुआ। इसमें रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दोनों देशों के बीच के ऐतिहासिक सहयोग की यादें ताजा की। साथ ही भविष्य कालीन चुनौतियों के लिए रशिया और इस्रायल ने एकत्रित आना बहुत ही आवश्यक है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कहा।

‘ पिछले कुछ दशकों में रशिया और इस्रायल ने कई क्षेत्रों में फलदाई सहयोग सहयोग में से और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समस्याओं का निराकरण करने के लिए की साझेदारी में से बहुत बड़ा अनुभव कमाया है’, ऐसा पुतिन ने कहा है। ‘ खाड़ी क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता स्थापित करने के लिए रशिया और इस्रायल के हितसंबंध एक दूसरे के लिए पूरक साबित होंगे’, ऐसा सूचक बयान रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

इससे पहले जून महीने में प्रधानमंत्री बेनेट ने इस्रायल की बागडोर संभालने के बाद राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने उन्हें विशेष संदेश भेजा था। ‘आनेवाले समय में रशिया और इस्रायल को, नाज़ीवाद का पुरस्कार करनेवालों के विरोध में तथा ज्यू लोगों का वंशसंहार शुरू रहते समय, दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान सोवियत रशिया की रेड आर्मी ने दिया योगदान नकारनेवालों के विरोध में जंग लड़नी है’, ऐसा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने कहा था।

रशियन माध्यमों ने दी जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दशकों में रशिया में ज्यूविरोध काफी हद तक कम हुआ है। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपनाई कठोर भूमिका के कारण यह होने का दावा किया जाता है। लेकिन रशिया के ‘लेव्हाडा सेंटर’ इस अभ्यासगुट के प्रमुख अ‍ॅलेक्सी लेव्हिन्सन ने पिछले साल इस मामले में महत्वपूर्ण ने चेतावनी दी थी। जिस दिन रशिया में सत्ता बदलाव होगा अथवा पुतिन की भूमिका बदलेगी, उस दिन से रशिया में ज्यूविरोध चरमसीमा तक पहुँचेगा, ऐसा लेव्हिन्सन ने चेताया था।

ज्यो बायडेन अमरीका के राष्ट्राध्यक्षपद पर विराजमान होने के बाद, अमरीका की विदेश नीति में बहुत बड़े बदलाव हुए। अमरीका ने अब ईरानपरस्त तथा रशिया के विरोध में प्रखर भूमिका अपनाई है। उस पर प्रतिक्रिया आ रही होकर, इस्रायल, सऊदी अरब ने अमरीका को मात देने के लिए रशिया के साथ सहयोग बढ़ाया है। इसका फायदा उठाकर रशिया भी खाड़ी क्षेत्र में अपना प्रभाव योजनाबद्ध तरीके से बढ़ा रहा है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने इस्रायल के नए प्रधानमंत्री को दिए अत्यंत महत्वपूर्ण संदेश के लिए यह पृष्ठभूमि है और उसमें से खाड़ी क्षेत्र की राजनीति में हो रहीं पुनर्रचनाएँ नए से सामने आ रहीं हैं।

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