इस्रायल के हमले का प्रत्युत्तर देने का ईरान को अधिकार है – ईरान के विदेश मंत्रालय की नई चेतावनी

तेहरान/मॉस्को – ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर धमकानेवाले इस्रायल को ज़ोरदार प्रत्युत्तर देने का पूरा अधिकार ईरान को है, ऐसा ईरान के विदेश मंत्रालय ने जताया। उसी समय, ईरान पर आरोप करनेवाला इस्रायल ही अपने परमाणु कार्यक्रम में सच छुपा रहा होने का दोषारोपण ईरान के विदेश मंत्रालय ने किया। इसी बीच, अपने परमाणु कार्यक्रम की हिफाज़त करना यह ईरान का सामरिक ध्येय होकर, उसके विरोध में भूमिका अपनाकर अरब देश इस्रायल के हितसंबंधों की रक्षा कर रहे हैं, ऐसी आलोचना ईरान ने की।

Foreign Ministers of Russia and Israel meet in Moscowदो दिन पहले इस्रायल के विदेश मंत्री येर लॅपिड ने रशिया का दौरा करके विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह से मुलाकात की। अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में दी चेतावनी पर लॅपिड और लॅव्हरोव्ह के बीच चर्चा हुई, ऐसा दोनों देशों ने घोषित किया। ईरान तेज़ी से संवर्धित युरेनियम और सेंट्रिफ्युजेस की संख्या बढ़ा रहा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम की यह रफ़्तार खतरनाक है, ऐसी चेतावनी परमाणु ऊर्जा आयोग ने दी थी। साथ ही, ईरान आयोग के निरीक्षकों को न्यूक्लियर प्लांट में निरीक्षण के लिए अनुमति नहीं दे रहा है, ऐसा कहा था।

अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग की इस रिपोर्ट पर अमरीका और जर्मनी ने चिंता ज़ाहिर की। वहीं, ईरान आयोग के साथ पूरा सहयोग करें, ऐसी भूमिका रशिया ने अपनाई है। ऐसी परिस्थिति में, इस्रायल के विदेश मंत्री ने रशिया का दौरा करके, ईरान के परमाणु कार्यक्रम से केवल इस्रायल को ही नहीं, बल्कि दुनिया को ही खतरा होने की चेतावनी दी। साथ ही, परमाणु बम के निर्माण के लिए कोशिशें करनेवाले ईरान को रोकने का अधिकार इस्रायल को है, ऐसा विदेश मंत्री लॅपिड ने कहा। उसी प्रकार, ईरान अथवा ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठनों ने अगर सीरिया में से इस्रायल पर हमले किए, तो उसे भी करारा प्रत्युत्तर दिया जाएगा, ऐसी घोषणा इस्रायल के विदेश मंत्री ने की।

iran-khatibzadehसऊदी अरब, युएई, इजिप्ट और बाहरिन इन देशों ने भी गुरुवार की बैठक में परमाणु आयोग की इस रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की। साथ ही, अपने परमाणु कार्यक्रम द्वारा ईरान इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाकर अरब देशों में दखलअंदाजी कर रहा होने का आरोप इन अरब देशों ने किया। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबझदेह ने इन आरोपों को जवाब दिया।

‘ईरान को नसीहत देनेवाले इस्रायल ने अवैध रूप में परमाणु बम का निर्माण किया और परमाणु-अस्त्र-प्रसार-बंदी विधेयक पर हस्ताक्षर करना टाला था। लेकिन ईरान ने परमाणु-अस्त्र-प्रसार-बंदी विधेयक पर हस्ताक्षर करके सर्वाधिक बार अपना परमाणु कार्यक्रम अन्तर्राष्ट्रीय निरीक्षकों के लिए खुला किया था। लेकिन इस्रायल यह पश्चिमी देशों का लाडला और शोषण करनेवाला देश है। इस्रायल की यह अस्थिरता की राजनीति अब दुनिया की समझ में आने लगी है’, ऐसी आलोचना खातिबझदेह ने की।

पिछले साल भर से इस्रायल और ईरान के बीच छुपा युद्ध शुरू होने का दावा किया जाता है। पर्शियन खाड़ी से लेकर हिंद महासागर और रेड सी तथा भूमध्य समुद्र तक के क्षेत्र में इस्रायल और ईरान एक दूसरे के जहाज़ों पर हमले कर रहे होने के आरोप किए जा रहे हैं। इस कारण इस सागरी क्षेत्र की सुरक्षा खतरे में पड़ी है, ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों का कहना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.