यूक्रेन युद्ध में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष जीत रहे हैं – ब्रिटेन के प्रमुख साप्ताहिक ‘द इकॉनॉमिस्ट’ का दावा

मास्को/किव – कुछ दिन पहले ब्रुसेल्स में आयोजित नाटो की बैठक में यूक्रेन के विदेश मंत्री ने यह बयान किया था कि, हम रशिया विरोधी युद्ध से पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन, वास्तव में पश्चिमी देश और माध्यमों को भी अब यह भरोसा होने लगा है कि, अब यूक्रेन युद्ध अधिक लंबा नहीं चल सकेगा। ब्रिटेन के प्रमुख साप्ताहिक ‘द इकॉनॉमिस्ट’ ने यह दावा किया है कि, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध में जीत रहे हैं। इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने भी रशिया विरोधी ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ असफल होने की कबुली देते दिखे हैं।

यूक्रेन युद्ध में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष जीत रहे हैं - ब्रिटेन के प्रमुख साप्ताहिक ‘द इकॉनॉमिस्ट’ का दावा‘२४ फ़रवरी, २०२२ के दिन यूक्रेन पर हमला करने के बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पहली बार जीतते दिखाई दे रहे हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने अपने देश को युद्ध के लिए तैयार करने के साथ ही सत्ता पर अपनी पकड़ भी अधिक मज़बूत की है। रशिया ने विदेश से रक्षा सामान की खरीद की। ग्लोबल साउथ को अमेरिका के खिलाफ खड़ा करने में भी पुतिन कामयाब हुए हैं। युद्ध के बाद यूक्रेन एक समृद्ध यूरोपियन जनतंत्र के तौर पर उभरेगा, ऐसा विश्वास पश्चिमियों को था। पुतिन ने इसे झटका दिया है’, ऐसा इशारा ‘द इकॉनॉमिस्ट’ ने लेख के माध्यम से दिया है।

यूक्रेन युद्ध में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष जीत रहे हैं - ब्रिटेन के प्रमुख साप्ताहिक ‘द इकॉनॉमिस्ट’ का दावा‘पश्चिमी देश पुतिन की ताकत कम करने के लिए कई कुछ कर सकते थे। रशिया की ताकत दुय्यम साबित होगी, इस तरह से यूक्रेन को आर्थिक और रक्षा सहायता प्रदान करना मुमकिन था। लेकिन, यूरोपिय देशों की आत्मसंतुष्टता और रणनीतिक नज़रिये की कमी के कारण यह मुमकिन नहीं हुआ है। अपने और यूक्रेन के फायदे के लिए पश्चिमी देशों ने अपना रवैया बदलने की ज़रूरत हैं’, इन शब्दों में पश्चिमी देशों की आलोचना की गई है। साथ ही जीतना यानी सिर्फ ज़मीन पर कब्ज़ा करना नहीं है, धैर्य की भी अहमियत होती है और इसी वजह से पुतिन की जीत मुमकिन होती दिख रही है, ऐसा ब्रिटीश साप्ताहिक ने कहा है।

पुतिन की जीत होने का दावा सामने आने के साथ ही यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने रशिया विरोधी ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ नाकाम होने की कबुली दी है। इस अभियान के उद्देश्य पूरे नहीं हुए हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने कहा है। यूक्रेन युद्ध में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष जीत रहे हैं - ब्रिटेन के प्रमुख साप्ताहिक ‘द इकॉनॉमिस्ट’ का दावापिछले कुछ दिनों में रशिया-यूक्रेन युद्ध में दोनों ओर बड़ी कामयाबी हासिल नहीं हुई है और मुश्किल होने का दावा यूक्रेनी सेना एवं पश्चिमी यंत्रणा ने किया था।

यूक्रेन का समर्थन कर रहे अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का ध्यान फिलहाल खाड़ी के संघर्ष पर केंद्रीत हुआ है। इस वजह से यूक्रेन को प्राप्त हो रही हथियारों की और वित्तीय सहायता में भारी कमी हुई हैं। साथ ही पश्चिमी देशों में राजनीतिक दायरे के साथ जनता में भी यूक्रेन के प्रति होने वाली सहानुभूति कम होती दिख रही है। इस पृष्ठभूमि पर यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने कबुली देना ध्यान आकर्षित करता है।

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