एबे शिंजो को अंतिम विदा करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान रवाना

नई दिल्ली – जापान के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के करीबी मित्र ऐसी पहचान होनेवाले एबे शिंजो की अंत्येष्टी मंगलवार को होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एबे शिंजो को अंतिम विदा करने के लिए उनकी अत्येष्टी में शामिल हो रहे हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी साझा की।

एबे शिंजोबीस से अधिक देशों के राष्ट्रप्रमुख और सौ से भी अधिक देशों के प्रतिनिधि एबे शिंजो की अंत्येष्टी के लिए जापान पहुँच रहे हैं। ८ जुलाई को जापान के नारा शहर में एक सिरफिरे ने शिंजो एबे पर गोली चलाकर उनकी हत्या की थी। इससे कुछ ही महीनें पहले एबे शिंजो ने जापान के प्रधानमंत्री पद का इस्तीफा दिया था। फिर भी वे राजनयिक स्तर पर सक्रीय थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनपर यह हमला हुआ था। काफी प्रभावी नेता रहें एबे शिंजो को, भारत के करीबी मित्र के तौर पर देखा जाता था।

एबे के कार्यकाल में भारत और जापान के सहयोग को नई उंचाई प्राप्त हुई थी। हिंद महासागर और पैसिफिक महासागर क्षेत्र का एक साथ विचार करके, इंडो-पैसिफिक की कल्पना पेश करनेवाले एबे पहले बड़े नेता थे। साल २००७ में भारतीय संसद को संबोधित करते समय एबे ने, भारत और जापान के रणनीतिक सहयोग का प्लैन पेश किया था। भारत की अहमियत काफी पहले से ग़ौर करते हुए दूरंदेशी रखनेवाले नेताओं में एबे का समावेश होता है।

चीन की वर्चस्ववादी हरकतें बढ़ रही हैं और ऐसें में जापान को अपनी परंपरागत रक्षात्मक नीति मे बदलाव करना ही होगा, ऐसी भूमिका एबे शिंजो ने दृढ़तापूर्वक अपनाई ती। इसके लिए रक्षाखर्च बढ़ाने के साथ ही, चीन को चुनौती देने के लिए उसके प्रतिद्वंद्वी देशों से सहयोग बढ़ाने की रणनीति एबे शिंजो ने बनाई थी। इससे जापान को काफी बड़ा लाभ प्राप्त हो रहा है। लेकिन, चीन इसी वजह से एबे के नेतृत्व पर हमेशा से कीचड़ उछलता रहा। प्रधानमंत्री ना होते हुए भी एबे ने, ताइवान के मुद्दे पर चीन ने अपनाई भूमिका की वजह से जापान को खतरा बनता है, इसका स्पष्ट शब्दों में अहसास कराया था। साथ ही, ताइवान की रक्षा को लेकर अस्थायी नीति अपनानेवाली अमरीका के बायडेन प्रशासन को एबे ने कड़ी फटकार लगाई थी।

भारत से सहयोग बढ़ाने की नीति अपनाकर, भारत को ‘विधायक भूमिका रखनेवाला जनतांत्रिक देश’ बताकर शिंजो एबे ने हमेशा भारत का सम्मान किया। भारत सरकार ने पिछले साल नागरी सम्मान का पद्मविभूषण पुरस्कार प्रदान करके एबे शिंजो को सम्मानित किया था। ऐसे नेता को आखरी विदा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं जापान पहुँच रहे हैं। इसके ज़रिये एबे शिंजो के प्रति भारत के मन में होनेवाला आदर और भारत की संवेदना ज़ाहिर होती है।

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