स्थिर और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए भारत-जापान की भागीदारी अहम – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

टोकियो – ‘भारत-जापान के संबंध नई ज़िम्मेदारी और ध्येय के साथ अधिक मज़बूती से आगे बढ़ रहे हैं। भारत और जापान के राजनीतिक ताल्लुकात स्थापित हुए ७० वर्ष बीते हैं। लेकिन, दोनों देशों की इस मित्रता के ताल्लुकात का सबसे बेहतर अभी सामने आने हैं। विशेष, रणनीतिक और वैश्‍विक तीनों शब्द दोनों देशों के संबंधों को परिभाषित करने के लिए कम हैं’, इन शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और जापान के संबंधों की अहमियत रेखांकित की। जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के न्यौते का स्वीकारकर क्वाड की बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान गए हैं। इस दौरान उनका बड़ा जोरदार स्वागत किया गया।

भारत-जापानसोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के कई उद्यमियों से मुलाकात की। जापान के उद्यमियों ने आयोजित किए भारत-जापान व्यापारी गोलमेज परिषद का अध्यक्ष स्थान प्रधानमंत्री ने संभाला। इस बैठक में जापान की बड़ी कंपनियों के प्रमुख और उच्चपदस्थ अधिकारी मौजूद थे।

साथ ही जापान के विभिन्न व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल थे। भारत में बड़ी मात्रा में निवेश करने का आवाहन प्रधानमंत्री ने इस दौरान जापानी उद्यमियों से किया। वैश्‍विक स्तर पर निवेश का स्रोत घटा है। इसके बावजूद बीते आर्थिक साल में भारत में ८४ अरब अमरिकी डॉलर्स प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ, इस बात को रेखांकित करके भारत की क्षमता पर विश्‍व ने विश्‍वास किया है, ऐसा दावा प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया।

टोकियो के व्यापारी परिषद के बाद जापान में स्थित भारतीय समूदाय को भी प्रधानमंत्री ने संबोधित किया। इस दौरान स्वामी विवेकानंद का दाखिला देकर प्रधानमंत्री ने जापान के युवा जीवन में एक बार भारत आएं, यह आवाहन किया। भारत के विकास में जापान अहम भागीदार है और यह दोनों देश विकास की राह के नैसर्गिक साथी होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही आज पूरे विश्‍व को भगवान बुद्ध के विचारों पर चलने की आवश्‍यकता है और मानवता को बचाने की बड़ी चुनौती विश्‍व के सामने है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोना के संकट के समय में भारत ने विश्‍व को टीके, दवाईयां और अनाज़ की आपूर्ति करके मानवीय सहायता का ज़िक्र किया।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक लेख जापान के प्रमुख अखबार में प्रकाशित हुआ। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के ७० सालों के राजनीतिक संबंध और सफर की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कुछ मुद्दे रेखांकित किए हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा में भारत और जापान प्रमुख स्तंभ हैं। सामरिक नज़रिये से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के स्थिर जनतांत्रिक देश होने से दोनों देशों की भागीदारी इस क्षेत्र की शांति, स्थिरता और संपन्नता के लिए ज़रूरी है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस लेख में स्पष्ट किया है। मुक्त, खुले और सर्वसमावेशक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, समुद्री सुरक्षा, कनेक्टिविटी, संप्रभूता का सम्मान, अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के लिए भारत और जापान अपना योगदान दे रहे हैं, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लेख में कहा है।

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