‘क्वाड’ की बैठक के लिए प्रधानमंत्री जापान के दौरे पर

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले ‘क्वाड’ की बैठक के सहयोग का जायज़ा लिया जाएगा, ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘क्वाड’ देशों के समान संबंध पर विचार विमर्श करने का अवसर मिलेगा। साथ ही अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के साथ विभिन्न स्तर पर द्विपक्षीय सहयोग को लेकर चर्चा होगी, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है। लेकिन, जापान में आयोजित हो रही ‘क्वाड’ की इस बैठक की वजह से चीन में असुरक्षितता की भावना ने उछाल लिया हुआ दिख रहा है।

‘क्वाड' की बैठकजापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के न्यौते का स्विकार करके हम इस देश के दौरे पर जा रहे हैं, यह जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की। साथ ही क्वाड देशों के सहयोग के अलावा जापान में हो रही द्विपक्षीय चर्चा को भी प्रधानमंत्री विशेष अहमियत दे रहे हैं, ऐसा उनके बयान से स्पष्ट हो रहा है। भारत और जापान की विशेष रणनीतिक भागीदारी अधिक व्यापक करने पर हम जोर देंगे, ऐसा प्रधानमंत्री ने इस दौरे से पहले ही स्पष्ट किया। तो, ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से भी हम बातचीत करेंगे, यह जानकारी प्रधानमंत्री ने दी।

इसी बीच, भारत के प्रधानमंत्री क्वाड की बैठक के लिए निकल रहे थे, तभी चीन ने ‘क्वाड’ की कड़ी आलोचना की है। अमरीका की ‘क्वाड’ पॉलिसी नाकाम हुए बिना नहीं रहेगी, ऐसी तीव्र भावना चीन ने व्यक्त की है। चीन के विदेशमंत्री वैंग ई ने पाकिस्तान के नए विदेशमंत्री बिलावल भुट्टो-ज़रदारी से हुई चर्चा के बाद यह बयान किया। एशिया-प्रशांत क्षेत्र शांति से भरे विकास का केंद्र बने, भू-राजनीतिक स्पर्धा का नहीं, यह उम्मीद चीन के विदेशमंत्री ने व्यक्त की। साथ ही इस क्षेत्र में शीतयुद्ध के समय जैसे नाटो का गुट खड़ा नहीं होना चाहिये, इसके लिए होनेवाली कोशिश कभी भी कामयाब नहीं होगी, ऐसा दावा विदेशमंत्री वैंग ई ने किया है।

तभी, चीन के सरकारी माध्यम क्वाड की बैठक का आयोजन करने वाले जापान की जोरदार आलोचना कर रहे हैं। लेकिन, इस बार भारत को अपनी आलोचना का लक्ष्य करने से चीन का विदेश मंत्रालय और सरकारी माध्यम दूर रह रहे हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन अवैध रूप से मछली पकड़ने का काम बंद करे, इसके लिए क्वाड कोशिश करेगा, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसके लिए स्वतंत्र उपग्रह बनाकर स्थापित किया जाएगा, यह जानकारी माध्यमों में है। इसका असर दिखाई देने लगा है और इससे चीन काफी बेचैन हुआ है। इस मुद्दे पर क्वाड के सदस्य देशों की सहमति हुई तो चीन को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मछली पकड़ने के अवैध काम को रोकना होगा।

मछली पकड़ने के लिए उतरे चीन के सैंकड़ों जहाज़ गुप्त पद्धति से कार्यरत चीनी नौसेना के दल होने के आरोप पहले भी लगे थे। इसका इस्तेमाल करके चीन अन्य देशों के समुद्री क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। आनेवाले समय में इस मौजूदगी का अधिकार प्राप्त करके यह क्षेत्र अपना ही है, ऐसे दावे करने की नीति चीन ने अपनाई है। फिलिपाईन्स के साथ समुद्री विवाद में चीन ने इसी रणनीति का इस्तेमाल किया था। इसका संज्ञान क्वाड के देशों ने लिया, तो वे चीन के विरोध में बड़ी अहम गतिविधि साबित हो सकती है।

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