पाकिस्तानी सेना और सिंध पुलिस एक-दूसरे के आमने-सामने

कराची – पाकिस्तान के ‘डीप स्टेट’ के तौर पर जानी जा रही पाकिस्तान की सेना के विरोध में सिंध प्रांत की पुलिस एवं वकिलों ने विद्रोह किया है। पाकिस्तानी सेना ने मुस्लिम लीग के प्रमुख नेता को गिरफ्तार करने के लिए सिंध प्रांत के पुलिस प्रमुख का अपहरण करने की बात सामने आने के बाद सिंध पुलिस ने सेना के विरोध में विद्रोह किया है। सिंध प्रांत के ६० से अधिक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए यकायक छुट्टी की अर्जी दाखिल की है। तभी सिंध प्रांत की वकिलों की संगठना ने भी पाकिस्तानी सेना की आक्रामकता पर आलोचना करके पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत सेना को उसकी असली जगह दिखाए, यह माँग की है। इस वजह से सिंध प्रांत गृहयुद्ध की दहलीज पर खड़ा होने की चिंता व्यक्त की जा रही है। इसी बीच, पाकिस्तान की सेना ने राजनीति में दखलअंदाजी करना जारी रखा तो सिंध जैसी स्थिति पाकिस्तान के सभी प्रांतों में दिखाई देगी, यह इशारा ‘पाकिस्तान डेमोक्रैटिक मुवमेंट’ (पीडीएम) के अध्यक्ष फज़लूर रेहमान ने दिया।

Pak-army-sindhबीते कुछ सप्ताहों से पाकिस्तान में काफी बेचैनी निर्माण हुई है और प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार और इस सरकार को सत्ता पर बिठानेवाली सेना के विरोध में काफी असंतोष बढ़ रहा है। पाकिस्तान में जनतंत्र के नाम पर सेना की तानाशाही जारी है, यह आरोप हो रहे हैं और सिंध प्रांत की घटना ने इन आरोपों की तीव्रता बढ़ाई है। प्रधानमंत्री इम्रान खान और सेनाप्रमुखों पर आलोचना कर रहे मुस्लिम लीग के नेताओं पर कार्रवाई करने के लिए सिंध प्रांत के ‘एआयजी’ मुश्‍ताक मेहर का अपहरण किया। इस कार्रवाई के दौरान सेना और मेहर की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस के बीच संघर्ष होने का दावा भी किया जा रहा है।

अपने वरिष्ठ अधिकारी से हुए अपमानजनक बर्ताव के विरोध में सिंध पुलिस ने विद्रोह किया है और लगभग सभी पुलिस अधिकारियों ने सेना का निषेध करने के लिए छुट्टी की अर्जी दाखिल की है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इसमें तीन ‘एआयजी’, २५ ‘डीआयजी’, ३० ‘एसएसपी’ और २० से अधिक अन्य स्तर के पुलिस अधिकारियों का समावेश है। सिंध पुलिस के विद्रोह के बाद सेनाप्रमुख जनरल कमर बाजवा ने कराची की घटना की जाँच के आदेश जारी किए हैं। सेना के विरोध में हुए इस विद्रोह में सिंध प्रांत के वकिलों की संगठन भी शामिल हुई है। वहां के ‘बार असोसिएशन’ ने पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत को दिए पत्र में सेना की आक्रामकता पर आलोचना की है। साथ ही हर बार सियासत में सेना की हो रही दखलअंदाजी अनदेखा कर रही सर्वोच्च अदालत अब सेना को उनकी जगह दिखाए, यह माँग की गई है।

Pak-bajwaबीते कुछ महीनों से पाकिस्तान की सरकार और सेना के विरोध में सिंध प्रांत का प्रशासन ऐसा संघर्ष शुरू हुआ है। पाकिस्तान की सेना सिंध प्रांत पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है और इससे पहले भी यहां के पुलिस दल और सेना के बीच संघर्ष होने के वीडियो सामने आए थे। पाकिस्तानी सेना की इस आक्रामकता के विरोध में सिंध की जनता ने जोरदार आलोचना की थी। इसकी गूंज दो दिन पहले कराची में हुए प्रदर्शनों के समय सुनाई पड़ी थी। सिंध की जनता ने रास्तों पर उतरकर सेना के विरोध में जोरदार नारे लगाए एवं सेनाप्रमुख के विरोध में तीव्र शब्दों में आलोचना भी की थी। कराची की घटना ने सेना के विरोध में पुलिस ऐसा संघर्ष तीव्र हुआ है और पाकिस्तान के पंजाब, बलोचिस्तान, पख्तुनवाला प्रांत में भी इसकी गूंज सुनाई देगी, यह इशारा ‘पीडीएम’ के अध्यक्ष फज़लूर रेहमान ने दिया है। बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान की सरकार और सेना के विरोध में शुरू किए प्रदर्शनों को प्राप्त हो रहा समर्थन देखें तो रेहमान का इशारा बड़ा गंभीर बनता है।

सिंध प्रांत में सरकार चला रहे पाकिस्तान पिपल्स पार्टी के नेता बिलावल भुत्तो ने पाकिस्तानी सेना की इस हरकत पर कड़ी आलोचना की है और पाकिस्तानी सेनाप्रमुख ने स्वयं इस मामले की जाँच करें, यह माँग की है। उनकी कड़ी आलोचना के बाद पाकिस्तान के सेनाप्रमुख ने बिलावल के साथ फोन पर बातचीत करने का वृत्त है। इस वजह से पहली बार पाकिस्तान की सेना पर दबाव बना हुआ दिख रहा है।

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