गिलगित-बाल्टिस्तान पर कब्ज़ा करने की कोशिश पाकिस्तान के लिए महंगी साबित होगी – ‘पीओके’ के मौजूदा एवं पूर्व प्रधानमंत्री का इशारा

हुंजा – गिलगित-बाल्टिस्तान का पाकिस्तान में समावेश करके भारत को जवाब देने की कोशिश प्रधानमंत्री इम्रान खान कर रहे हैं, यह सच है। लेकिन, गिलगित-बाल्टिस्तान के साथ ‘पीओके’ में इसके लिए बड़ा तीव्र विरोध हो रहा है। अपने इस निर्णय को विरोध करनेवाले पीओके के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर के इम्रान खान की सरकार ने गद्दार साबित किया है। लेकिन, ‘पीओके’ के पूर्व प्रधानमंत्री सरदार आतिक खान ने भी ‘गिलगित-बाल्टिस्तान यह पाकिस्तान का अंग नहीं है, बल्कि यह कश्‍मीर का हिस्सा है’, यह इशारा दिया है। पाकिस्तानी विश्‍लेषक भी गिलगित-बाल्टिस्तान से संबंधित यह निर्णय करके प्रधानमंत्री इम्रान खान ने पाकिस्तान को बड़े संकट में डाला है, यह इशारा दे रहे है।

gilgit-baltistanपाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने का ऐलान किया है और नवंबर में यह चुनाव होंगे, यह दावा किया जा रहा है। इस चुनाव के बाद गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का पांचवा प्रांत घोषित किया जाएगा, यह ऐलान पाकिस्तानी नेताओं ने किया है। लेकिन, गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान में शामिल करने की इम्रान खान की सरकार की योजना के विरोध में पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान में तीव्र प्रदर्शनों की आग भड़क उठी है। गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता हज़ारों की संख्या में रास्तों पर उतरकर पाकिस्तान की सरकार और सेना के विरोध में प्रदर्शन कर रही है, यह दिखानेवाले कई वीडियो और फोटो प्रसिद्ध हो रहे हैं।

‘पीओके’ के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर ने इस योजना का कड़ा विरोध जताया है। इसके चलते पाकिस्तान में उनके विरोध में देशद्रोह का आरोप लगाया जा रहा है। तभी पूर्व प्रधानमंत्री सरकार आतिक खान ने भी इम्रान खान की इस योजना पर आलोचना की है। कश्‍मीर मुद्दे का हल संयुक्त राष्ट्रसंघ के समझौते के अनुसार निकालने की बात भारत और पाकिस्तान ने पहले मंजूर की थी, इसकी याद भी आतिक ने दिलाई है। फिर भी इस क्षेत्र में चुनाव करके इसे पाकिस्तान में शामिल करने की योजना की वजह से पाकिस्तान ने पहले अपनाई भूमिका खत्म होगी, यह इशारा सरदार आतिक ने दिया है। भारत ने इससे पहले ही कश्‍मीर में लाखों कश्‍मीरी पंडितों के परिवारों को स्थापित करने की गतिविधियां शुरू की हैं। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवा प्रांत घोषित किया तो इसके आगे पाकिस्तान को कश्‍मीर के मसले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी भी समर्थन प्राप्त नहीं हो सकेगा, इस बात का अहसास आतिक खान ने कराया है।

gilgit-baltistanइसी बीच, गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवा प्रांत घोषित करने का निर्णय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने किया नहीं है। बल्कि, रावलपिंड़ी स्थित पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय में होने का दावा ‘यूरोपियन फाउंड़ेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज्‌’ नामक अभ्यासगुट ने किया है। पाकिस्तानी सेना ने चीन के दबाव में यह खेल खेला है, यह बयान भी इस अभ्यासगुट ने किया है। इसके ज़रिये पाकिस्तान की सरकार और सेना गिलगित-बाल्टिस्तान चीन के हाथ में सौंपने की तैयारी कर रहा है, यह नया आरोप लगाना भी शुरू हुआ है। इसके भयंकर असर का अहसास हुई गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता ने पाकिस्तानी सरकार और सेना के विरोध में निर्णायक भूमिका अपनाने की तैयारी की है।

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