पाकिस्तान की सेना कराची पर कब्ज़ा करने की तैयारी में – ‘एमक्यूएम’ के अल्ताफ हुसेन का इशारा

लंदन/कराची – पाकिस्तानी सेना और गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ चीन की सहायता से कराची शहर को ‘फेडरल टेरिटरी’ घोषित करने की तैयारी में है। संक्षेप में, पाकिस्तान की सेना कराची पर कब्ज़ा करने की दिशा में गतिविधियां करने में जुटी होने का आरोप ‘मुत्ताहिदा कौमी मुवमेंट’ (एमक्यूएम) के प्रमुख अल्ताफ हुसेन ने लगाया है। साथ ही सिंध प्रांत में पाकिस्तानी सेना और आयएसआय के अत्याचारों के विरोध में जनता ने जोरदार प्रदर्शन जारी हैं।

पाकिस्तान की सेना

कराची में भारी बारिश की वज़ह से कई इलाकों में स्थिति काफ़ी गंभीर हो गई थी। इस बारिश में शहर के कई लोगों की जान गई और अन्य समस्याओं की वजह से जनता बड़ी परेशान थी। इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने पाकिस्तानी सेना को क्लिन-अप के आदेश जारी किए थे। इससे पाकिस्तान की जनता ने इम्रान खान का मज़ाक उड़ाया था। सेना बारिश के लिए नहीं बल्कि सुरक्षा के लिए होने की फ़टकार पाकिस्तानी नेटकरों ने प्रधानमंत्री को लगाई है। लेकिन यह सेना कराची में बारिश के लिए नहीं बल्कि कराची पर कब्ज़ा करने के लिए किया गया, यह इशारा अल्ताफ हुसेन ने दिया है।

पाकिस्तानी सेना और आयएसआय ने चीन की सहायता से कराची पर नियंत्रण पाने की साज़िश की है। इस पर अल्ताफ हुसेन ने कड़े शब्दों में निषेध दर्ज किया है। साथ ही इसके विरोध में कराची की जनता को एकजूट होने का आवाहन भी अल्ताफ हुसेन ने किया।

इसी बीच पिछले सप्ताह कराची में हाय अलर्ट जारी किया गया था। कराची की सुरक्षा व्यवस्था में बढ़ोतरी की गई थी। कराची का कुछ हिस्सा सील भी किया गया था। जनता में ड़र फैलाने के बाद सुरक्षा के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था, यह बात स्पष्ट की गई थी। पिछले महीने में कराची के स्टॉक एक्सचेंज की इमारत पर बलोच बागियों ने हमला किया था। इसके बाद कराची में यह गतिविधियां बढ़ी हैं। इस पृष्ठभूमि पर अल्ताफ हुसेन ने दिया हुआ इशारा बडा ही अहम साबित होता है।

अल्ताफ हुसेन पाकिस्तानी सेना और आयएसआय के विरोध में आक्रामक हो रहे थे तभी सिंध की जनता भी भड़क उठी। पाकिस्तान की सेना और आयएसआय सिंध में सियासी नेताओं और कार्यकर्ताओं का अपहरण करवा के उन पर पाशविक अत्याचार कर रहे हैं। इसके विरोध में वहां की जनता ने सिंध में काज़ी अहमद टाउन में प्रदर्शन किए। इनमें महिलाओं के साथ छोटे बच्चे भी शामिल थे। इन प्रदर्शनों में पाकिस्तान के आतंक के विरोध में आवाज़ उठाई गई है। यह प्रदर्शन सभी ज़गहों पर न फ़ैलें इसलिए गुप्तचर यंत्रणाओं ने कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया है। इन प्रदर्शनों में स्वतंत्र सिंधु देश के नारे भी लगाए गए।

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