आसान नहीं है, फिर भी भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होगा

पर्थ – संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता भारत को प्राप्त होगी, इसकी १०० फीसदी गारंटी दे सकते हैं। लेकिन, यूएनएससी में भारत का समावेश इतनी आसानी से नहीं होगा। कुछ देश भारत को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा बयान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने किया। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में आयोजित ‘इंडियन ओशन कॉन्फरन्स’ (आईओसी) में विदेश मंत्री जयशंकर ने यह बयान किया।

‘विश्व के कई देश आज भारत का भरोसा कर रहे हैं। विश्व में संचार करते समय हमें इन देशों की भारत संबंधित भूमिका में हुआ बदलाव दिखाई दे रहा है। कई देश भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बना देखना चाहते हैं। आसान नहीं है, फिर भी भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होगापिछले पांच-दस सालों में हमने जो अनुभव किया है, इससे भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता प्राप्त होगी, यह आत्मविश्वास से कह सकते हैं। इसकी १०० फीसदी गारंटी दे सकते है। लेकिन, भारत के लिए सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता पाना इतना आसान नहीं होगा’, इसका अहसास भी विदेश मंत्री जयशंकर ने कराया।

कुछ देश भारत को यह सदस्यता न मिले, यही चाहते हैं। इसी कारण से भारत की सदस्यता के राह में बाधाएओं खड़ी की जा रही है, इसके विरोध में तर्क-वितर्क के साथ विचार रखे जा रहे हैं, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया। लेकिन, उन्होंने भारत का विरोध कर रहें इस देश के नाम का ज़िक्र नहीं किया।

भारत के लिए अगले २५ साल अहम रहेंगे। इसकी नीव ड़ाली जा रही है। आगे के दौर में हम पुरी तरह से बदला भारत देखेंगे। विश्व में भारत का स्थान भी काफी अलग होगा, यह विश्वास भी विदेश मंत्री जयशंकर ने व्यक्त किया।

बीते महीने विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने भारत को स्थायी सदस्यता देने से इनकार कर रही सुरक्षा परिषद की आलोचना करते हुए उसे ‘ओल्ड क्लब’ की संज्ञा दी थी। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों को सुधार नहीं करना हैं। उन्हें अपने अधिकार दूसरों को नहीं देने हैं, ऐसी फटकार भी भारत के विदेश मंत्री ने लगाई थी।

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