विश्व में फैले अराजकता के माहौल में भी भारत-रशिया सहयोग निर्धारित गति से बढ़ रहा है – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

मास्को – मौजूदा दौर में पूरे विश्व में अराजकता का माहौल होने के बावजूद भारत और रशिया के संबंध निर्धारित गति से आगे बढ़ रहे हैं, ऐसा बयान रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया। साथ ही दोनों देशों में बढ़ रहे व्यापारिक सहयोग पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने संतोष व्यक्त किया। यह व्यापार सीर्फ ईंधन की खरीद-बिक्री तक सीमित नहीं है। बल्कि, दोनों देश ‘हाई टेक’ क्षेत्र में एक-दूसरे से सहयोग कर रहे हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कहा। भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से हुई चर्चा के दौरान रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने भारत के प्रधानमंत्री को रशिया आने का न्योता दिया है।

विश्व में फैले अराजकता के माहौल में भी भारत-रशिया सहयोग निर्धारित गति से बढ़ रहा है - रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिनविदेश मंत्री एस.जयशंकर पांच दिन के रशिया दौरे पर पहुंचे हैं और बुधवार को उन्होंने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया के भारत के साथ जारी संबंधों की अहमियत रेखांकित की। पूरे विश्व में अराजकता होते हुए भी भारत और रशिया का सहयोग निर्धारित गति से बढ़ रहा हैं, यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने विश्व की स्थिति का दोनों देशों के सहयोग पर असर नहीं होने का अहसास कराया। साथ ही दोनों देशों का सालाना व्यापार ५० अरब डॉलर से अधिक होने का बयान करके यह उद्देश्य निर्धारित समय से नौ महीने पहले ही प्राप्त होने के मुद्दे पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ध्यान आकर्षित किया।

भारत और रशिया का व्यापार लगातार दो वर्ष बढ़ रहा हैं। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष व्यापार में बढ़ी बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है। पश्चिमी देशों ने आपत्ति जताने के बावजूद भी भारत ने रशिया से भारी मात्रा में ईंधन खरीदा है।

लेकिन, दोनों देशों का व्यापार मात्र ईंधन की खरीद-बिक्री तक सीमित नहीं है। बल्कि, ‘हाई टेक’ क्षेत्र में दोनों देश एक-दूसरे से सहयोग कर रहे हैं, यह कहकर आगे के दिनों में इसमें अधिक बढ़ोतरी होगी, यह विश्वास राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने व्यक्त किया।

भारत के प्रधानमंत्री को यूक्रेन युद्ध खत्म करना हैं और इसके लिए वह हर मुमकिन योगदान देने के लिए तैयार हैं, इसका हमें अहसास होने का बयान रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस दौरान किया। हमने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी से यूक्रेन युद्ध की जानकारी समय समय पर साझा की थी, यह बयान करके राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही अगले साल भारत के प्रधानमंत्री को रशिया में आते देखने का अवसर हमें मिला तो वह बड़ा आनंद देने वाली बात होगी, ऐसा पुतिन ने कहा। लेकिन, अगले साल भारत में चुनाव होंगे और इस वजह से प्रधानमंत्री मोदी को रशिया का दौरा करना उतना आसान नहीं होगा, इसका हमें अहसास होने की बात भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने स्पष्ट की। ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री दोनों देशों के लिए सुलभ समय का चयन करके रशिया का दौरा करेंगे, ऐसा आश्वासन विदेश मंत्री जयशंकर ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष को दिया।

इसी बीच, विदेश मंत्री जयशंकर के पांच दिन के इस रशिया दौरे का ऐलान होने के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी के रशिया दौरे की या राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के भारत दौरे की तैयारी होगी, ऐसी संभावना भी कुछ विश्लेषकों ने जताई थी। भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव होने की स्थिति में भारत ने रशिया के साथ अपने पारंपरिक सहयोग अधिक मज़बूत करने का रणनीतिक निर्णय करके अमेरिका को उचित संदेश पहुंचा होने की बात इस अवसर पर स्पष्ट हुई है। खास तौर पर कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के संबंधित भारत-रशिया सहयोग अमेरिका को अपने भारत संबंधित नीति पर दोबारा सोचने पर मज़बूर कर रहा हैं। ऐसे में आगे से भारत को उकसाने वाले निर्णय करना इसकी व्यापरिक एवं आर्थिक स्तर पर कीमत चुकाना के लिए मज़बूर करेगा, यह इशारा ही भारत ने इसके ज़रिये अमेरिका को दिया हैं। क्यों कि, भारत-रशिया सहयोग की वजह से अमेरिका की ऊर्जा कंपनियों का भारी नुकसान होता दिखाई देने लगा है।

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