वैश्वीकरण, मुद्रा, व्यापार और पर्यटन का हथियार की तरह इस्तेमाल हो रहा है – भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर

अबुजा – वैश्वीकरण की प्रक्रिया, मुद्रा, व्यापार और पर्यटन का भी मौजूदा दौर में हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसी सटीक फटकार भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने लगाई है। नाइजीरिया के दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर ने लॉगोस में ‘नाइजीरियन इन्स्टीट्यूट ऑफ इंटरनैशनल अफेअर्स’ में बोलते हुए यह आलोचना की। वैश्वीकरण की प्रक्रिया के लाभ एक ही क्षेत्र में केंद्रित हो, इस तरह से यह प्रक्रिया चलाई जा रही है। अपना प्रभाव कम न हो, इसके लिए वर्ष १९४५ की वैश्विक व्यवस्था आज भी कायम रखी जा रही हैं, ऐसा आरोप भी भारत के विदेश मंत्री ने इस भाषण के दौरान लगाया।

वर्ष १९४५ में संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों की संख्या अब है उसकी तुलना में लगभग २५ प्रतिशत थी। फिर भी उसी दौर की व्यवस्था आज भी पूरे विश्व में स्थापित करने की कोशिश कुछ कर रहे हैं। क्यों कि, इन देशों को अपने हाथ से सत्ता की ड़ोर छोड़नी नहीं हैं, ऐसा करने से अपना प्रभाव खत्म होगा, ऐसी चिंता इन देशों को सता रही है, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान कहा। वैश्वीकरण, मुद्रा, व्यापार और पर्यटन का हथियार की तरह इस्तेमाल हो रहा है - भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकरस्पष्ट ज़िक्र नहीं किया हो, फिर भी भारत जैसे अहम देश को संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में स्थायि सदस्यता देने ने इनकार कर रहें देशों को विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान लक्ष्य किया। साथ ही वैश्वीकरण की प्रक्रिया के खराब असर सामने आ रहे हैं और इससे इसका लाभ कुछ क्षेत्र तक ही सीमित रहा है। इसके लिए जानबूझकर यह प्रक्रिया चलाई गई, इस पर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया।

वैश्वीकरण की प्रक्रिया, मुद्रा, व्यापार और पर्यटन का भी मौजूदा दौर में हथियार की तरह इस्तेमाल हो रहा है, यह कहकर जयशंकर ने स्पष्ट ज़िक्र किए बिना बड़े देशों को लक्ष्य किया। पिछले २००-३०० सालों से विश्व पर वर्चस्व रखने वालों को अपना वही वर्चस्व कायम रखने के लिए नए अवजारों का इस्तेमाल करने का अवसर नहीं मिलना चाहिये। विविधता से भरे विश्व में उचित मात्रा में हर एक को प्रतिनिधित्व मिलना आवश्यक है और औपनिवेशिक शक्तियों के बंधन से मुक्त हुए देशों को वैश्विक व्यवस्था में स्थान मिलना ही चाहिये। यही अपना वैश्विक उद्देश्य होना चाहिये, ऐसा बयान भारत के विदेश मंत्री ने बड़े विश्वास से किया।

युगांडा में आयोजित गुटनिरपेक्षवादी राष्ट्रों की परिषद के बाद विदेश मंत्री जयशंकर नाइजीरिया के दौरे पर है। नाइजीरिया यह अफ्रीका में भारत का अहम आर्थिक और व्यापारिक भागीदार देश है, ऐसा जयशंकर ने कहा। भारत और नाइजीरिया का सालाना द्विपक्षीय व्यापार करीबन १३ से १५ अरब डॉलर तक पहुंचा है। करीबन १३० भारतीय कंपनियां नाइजीरिया में कार्यरत हैं, ऐसी जानकारी जयशंकर ने इस दौरान साझा की। दोनों देशों में निवेश संबंधित कारोबार २७ अरब डॉलर तक पहुंचने की जानकारी भी भारतीय विदेश मंत्री ने साझा की। इसके बावजूद भारत और नाइजीरिया के व्यापार पर संतोष व्यक्त नहीं कर सकते। क्यों कि, दोनों देशों के व्यापारिक सहयोग के लिए इससे भी कई बड़े अवसर उपलब्ध हैं। इसका लाभ उठाने के लिए हमें कोशिश करनी होगी, ऐसा जयशंकर ने कहा है।

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