जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के साथ भारत के प्रधानमंत्री की हुई द्विपक्षीय वार्ता

वॉशिंग्टन – अमरीका की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों से द्विपक्षीय वार्ता हुई। इन दोनों नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी की स्वतंत्रत्र द्विपक्षीय वार्ता की और इस दौरान मुक्त, खुले और समावेशक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का ज़िक्र स्पष्ट तौर पर किया गया। चीन की आक्रामक वर्चस्ववादी नीति की वजह से निर्माण हुए असंतुलन और असुरक्षितता की पृष्ठभूमि पर क्वाड के सदस्य जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की इस वार्ता को रणनीतिक अहमियत प्राप्त हुई है।

द्विपक्षीय वार्ताप्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के बीच हुई वार्ता के दौरान दोनों देशों की सुरक्षा और रक्षा संबंधी सहयोग अधिक व्यापक करने पर सहमति हुई। इसमें रक्षा सामान का संयुक्त निर्माण एवं प्रौद्योगिकी सहयोग का भी समावेश है। मुक्त, खुले और समावेशक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से संबंधित भूमिका भारत और जापान ने बड़ी तीव्रता के साथ अपनाई, यह बात विदेश मंत्रालय के निवेदन में स्पष्ट की गई है। भारत और जापान का दृढ़ सहयोग और मित्रता पूरे विश्‍व के लिए लाभदाई साबित होगी, यह बयान प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में किया है। साथ ही प्रधानमंत्री सुगा के साथ हुई अपनी वार्ता बड़ी सफल रही, यह भी प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया।

इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने प्रधानमंत्री मोदी हमारे व्यक्तिगत और ऑस्ट्रेलिया के मित्र होने का बयान करके उनके साथ हुई वार्ता में द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर बातचीत होने की बात साझा की। दोनों नेताओं ने इस मुलाकात के दौरान किए ‘काँम्प्रिहेन्सिव इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एग्रीमेंट-सीईसीए’ समझौते की प्रगति का जायज़ा लिया। भारत के विदेश मंत्रालय ने जारी किए निवेदन में यह जानकारी प्रदान की गई है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश और रक्षा मंत्रियों की ‘टू प्लस टू’ वार्ता हाल ही में संपन्न हुई थी। साथ ही, भारत और ऑस्ट्रेलिया जल्द ही मुक्त व्यापारी समझौता करेंगे, यह विश्‍वास जताया जा रहा है। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ व्यापार युद्ध शुरू किया है और इससे ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था को काफी बड़ा नुकसान पहुँच रहा है। ऐसी स्थिति में ऑस्ट्रेलिया अब भारत के साथ आर्थिक सहयोग मज़बूत करने के लिए एवं राजनीतिक और रक्षा सहयोग व्यापक करने के लिए पहल कर रहा है। इससे दोनों देशों के सहयोग को काफी बड़ी रणनीतिक अहमियत प्राप्त हुई है।

द्विपक्षीय वार्ताकोरोना संक्रमण के बाद उभरी स्थिति में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के दो बड़े लोकतांत्रिक देश भारत और ऑस्ट्रेलिया का उत्पादन के लिए आवश्‍यक वैश्‍विक सप्लाई चेन के लिए सहयोग करना जरुरी होने के मुद्दे पर दोनों देशों के नेताओं में सहमति हुई है।

फिलहाल वैश्‍विक सप्लाई चेन का केंद्र चीन में है। लेकिन, कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद चीन उत्पादन की गति को बरकरार नहीं रख पाया था। अगले दिनों में भी ऐसे संकट उभर सकते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए अधिक सुरक्षित वैश्‍विक सप्लाई चेन का निर्माण करने की आवश्‍यक सामने आयी है। भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देश इसके लिए भरसक कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए भारत एक बढ़िया विकल्प होने का दावा कर रहा है। यह चीन के लिए काफी बड़ी चुनौती साबित होगी, ऐसा माना जा रहा है।

ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए वहां बसे भारतीय काफी बड़ा योगदान दे रहे हैं। इस वजह से भारतीय और ऑस्ट्रेलियन जनता के बीच संपर्क और संवाद बढ़ाने पर विशेष जोर देने की बात दोनों देशों ने स्वीकारी। साथ ही कोरोना के दौर में ऑस्ट्रेलियन सरकार ने वहां पर मौजूद भारतीय नागरिकों का उचित ध्यान रखा, इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को भारत यात्रा के लिए आमंत्रित भी किया है।

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