इस्रायल के चुनाव में नेत्यान्याहू विजयी – पांचवी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे

तेल अवीव – सारी दुनिया का ध्यान होने वाले इस्रायल के आम चुनाव में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने बड़ी सफलता प्राप्त की हैं| वे फिर से इस्रायल के प्रधानमंत्री पद पर सवार होने का वृत्त आते ही अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्रायल के प्रधानमंत्री को बधाई दी है| ऑस्ट्रिया के चान्सेलर सॅबेस्तियन कर्झ, इटली के उप प्रधानमंत्री मॅटिओ सॅल्विनी, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री अँड्रेस बॅबीज और सायप्रस के राष्ट्राध्यक्ष निकोस न्स्टासिएडस् ने भी नेत्यान्याहु के जीत का स्वागत किया है| वही, तुर्की ने इस परिणाम पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पॅलेस्टाईन के नेता और हिजबुल्लाह ने नेत्यान्याहू की जीत पर आलोचना की हैं|

मंगलवार को इस्रायल में आम चुनाव हुए थे| इस चुनाव में ६७ प्रतिशत वोटिंग हुआ और गुरुवार देर से इस चुनाव के परिणाम जाहिर होने लगे थे| इस में प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के सत्ताधारी लिकूड इस पक्ष को सबसे अधिक ३५ जगहों पर जीत हासिल हुई हैं| वही, इस्रायल के सत्ता में ‘लिकुड’ के साथ शामिल होने वाले अन्य राष्ट्रवादी पक्षों ने ३० जगह जीती हैं| लिकुड और सहयोगी पक्ष के नेतृत्व को ६५ जगहों पर जीत हासिल हुई है और इस नेतृत्व ने सरकार की स्थापना करने का दावा किया है|

नेत्यान्याहू के विरोध में चुनाव लड़ने वाले भूतपूर्व सुरक्षा दल प्रमुख ‘बेनीगांत्झ’ का ‘ब्लू अँड व्हाईट’ पक्ष ३३ जगह जीतकर दूसरे स्थान पर रहा हैं| गांत्झ ने इस चुनाव में अपनी हार स्वीकार की हैं|

इस्रायल के इस चुनाव की ओर सारी दुनिया का ध्यान केंद्रित था| नेत्यान्याहू की यह जीत अपनी ही जीत होने की प्रतिक्रिया अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी हैं| साथ ही इस्रायल और पॅलेस्टाईन को साथ लेकर खाड़ी में शांति स्थापित नहीं हो सकती, ऐसा हर एक को लगता हैं| परंतु नेत्यान्याहू की इस जीत के कारण खाड़ी में शांति स्थापित करने का बहुत अच्छा मौका प्राप्त हुआ हैं’, ऐसा विश्वास अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने व्यक्त किया हैं|

नेत्यान्याहू इस्रायली जनता का भारी तादाद में विश्वास जीतने में यशस्वी हुए, ऐसी प्रतिक्रिया ऑस्ट्रिया के चान्सेलर कर्झ ने दर्ज की हैं| वही, नेत्यान्याहू की जीत का स्वागत कर अपना देश जल्द ही जेरूसलम में दूतावास शुरू करेगा, ऐसी घोषणा झेक के प्रधानमंत्री बॅबिस ने की हैं| यह इस्रायल जनता की जीत होने का इटली के उप प्रधानमंत्री सॅल्विनी ने कहा हैं|

दौरान, दुनिया भर के दक्षिणी विचारधारा के राष्ट्रवादी गुटों के नेताओं से इस्रायली प्रधानमंत्री की इस जीत का स्वागत किया जा रहा है और ऐसे में तुर्की और पाकिस्तान के नेताओं ने इस जीत पर आलोचना की हैं| इस चुनाव के बाद फिर से सत्ता में आनेवाले नेत्यान्याहू ने अपनी आक्रामकता छोड़ कर पॅलेस्टाईन के साथ प्रामाणिक भूमिका स्वीकार कर लेनी चाहिए, ऐसी मांग तुर्की के विदेश मंत्री मेवलूत कावूसोग्लू ने की हैं| इस्रायली जनता दो राष्ट्रों के विकल्प के लिए तैयार नहीं, यह इस जीत से स्पष्ट होता है’, यह आरोप पॅलेस्टिनी नेता साएब एरेकत ने किया हैं| इस जीत के कारण अमरिका और इस्रायल में मित्रता और भी गहन होते हुए नेत्यान्याहू अभी अधिक शानदार भूमिका स्वीकार करेंगे, ऐसा दावा हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्ला ने किया हैं|

इस्रायल से अलग होकर अपना अलग राष्ट्र निर्माण करने की तैयारी कर रहा पॅलेस्टाईन, जेरूसलम पर इस्रायल का अधिकार वर्जित करने वाले अतिवादी पॅलेस्टिनी संगठन, ईरान का विवादीत परमाणु कार्यक्रम और सीरिया में ईरान की खतरनाक गतिविधियों से इस्रायल के अस्तित्व को खतरा होने की चेतावनी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने दी थीं| ऐसी परिस्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर इस्रायल जरा भी समझौता नहीं कर सकता, ऐसा नेत्यान्याहू ने सूचित किया था| उसी समय इस्रायल में उदारमत वादी गुट नेत्यान्याहू की धारणाओं पर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे| परंतु इस चुनाव में इस्रायली जनता ने नेत्यान्याहू के लिकूड तथा अन्य सहयोगी पक्षों पर विश्वास व्यक्त किया दिखाई देता हैं|

इस कारण इस्रायल के इस चुनाव के परिणाम से क्षेत्रीय तथा आंतरराष्ट्रीय स्तर पर जल्द ही असर होता दिखाई देगा, ऐसे संकेत इस परिणाम पर प्राप्त हो रही प्रतिक्रियाओं से दिख रहा है|

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